


Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : मध्य प्रदेश के सीधी में एक आदिवासी युवक पर पेशाब करने के मामले में पुलिस ने एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रवेश शुक्ला नामक अभियुक्त का संबंध बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला से है.

वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर आरोपी युवक पर कार्रवाई की मांग उठने लगी. इसके कुछ देर बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले में कार्रवाई के आदेश दिए.
उन्होंने ट्वीट किया, ”मेरे संज्ञान में सीधी जिले का एक वायरल वीडियो आया है. मैंने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि अपराधी को गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर एनएसए भी लगाया जाए.”
बीजेपी विधायक ने इस पर अपनी सफ़ाई दी है.उन्होंने कहा कि घटना के संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनसे फ़ोन कर जानकारी ली.शुक्ला ने बताया, ”सीएम साहब ने मुझसे पूछा कि क्या वो मेरा प्रतिनिधि है? मैंने उन्हें बता दिया है कि वो मेरा प्रतिनिधि नहीं है.”अभियुक्त के साथ परिचय के सवाल पर बीजेपी विधायक ने कहा कि वो उनके क्षेत्र का निवासी है, इसलिए वो उन्हें जानते हैं और वो कार्यक्रमों में भी आता था.वहीं शुक्ला ने ये साफ किया कि , ”प्रवेश शुक्ला मेरा प्रतिनिधि नहीं है.”
मध्य प्रदेश में एक युवक के साथ अमानवीय व्यवहार से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.इसमें एक शख़्स दूसरे युवक पेशाब करता दिख रहा है. इस मामले में प्रवेश शुक्ला नाम के युवक के खिलाफ़ एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.ये घटना मध्य प्रदेश के सीधी की है. सीधी एसपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से घटना के बाद केस दर्ज किए जाने की जानकारी दी गई.उन्होंने लिखा कि सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो में सिगरेट पीते हुए एक व्यक्ति पर पेशाब करने के मामले में कुबरी निवासी प्रवेश शुक्ला के खिलाफ़ एससी/एसटी एक्ट में केस दर्ज किया गया है l
विपक्ष का हमला
घटना को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हो गई है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, ”प्रदेश के सीधी जिले से एक आदिवासी युवक के ऊपर पेशाब करने की क्रूरता का वीडियो सामने आया है. आदिवासी समाज के युवक के साथ ऐसी जघन्य और गिरी हुई हरकत का सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है.”
उन्होंने आगे कहा, ”आरोप है कि पेशाब करने वाला व्यक्ति भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है. मध्य प्रदेश पहले ही आदिवासी अत्याचार में नंबर वन है. इस घटना ने पूरे मध्यप्रदेश को शर्मसार कर दिया है. मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि दोषी व्यक्ति को सख्त से सख्त सजा दी जाए.”