











Raipur chhattisgarh VISHESH केंद्रीय संचार ब्यूरो, बिलासपुर द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर एक दिवसीय समेकित लोक संपर्क कार्यक्रम का आयोजन कोटा विकासखंड के आदिवासी बहुल ग्राम जंजीराडीह में किया गया। कार्यक्रम में ग्राम सरपंच रमेश गोआड़ा, पंच मीना गोआड़ा, वरिष्ठ शिक्षिका नीलोफर तबस्सुम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बसंती गोआड़ा, गर्भवती एवं शिशुवती माताएँ, किशोरी बालिकाएँ तथा बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम सरपंच रमेश गोआड़ा ने की।
कार्यक्रम में वरिष्ठ शिक्षिका नीलोफर तबस्सुम ने पोषण माह के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारा भोजन पोषणयुक्त और संतुलित होना चाहिए, तभी स्वस्थ समाज का निर्माण संभव है। इस अवसर पर कार्यालय प्रभारी कमल गिरी ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह अंतर्गत ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ अभियान भारत सरकार की एक राष्ट्रव्यापी स्वास्थ्य पहल है, जिसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं, किशोरियों और बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण में सुधार लाना है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत देशभर में प्रचार-प्रसार, स्वास्थ्य शिविरों, टीकाकरण और पोषण आहार से संबंधित जागरूकता गतिविधियाँ निरंतर आयोजित की जा रही हैं।

कमल गिरी ने संतुलित भोजन को कुपोषण मुक्त भारत के निर्माण की कुंजी बताते हुए कहा कि “स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार और सशक्त राष्ट्र की आधारशिला है।” ग्राम सरपंच रमेश गोआड़ा ने उपस्थित ग्रामीणों से आह्वान किया कि वे कार्यक्रम में दी गई जानकारियों को अपने दैनिक जीवन में अपनाकर स्वस्थ परिवार और स्वस्थ समाज के निर्माण में सहयोग करें।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बसंती गोआड़ा ने पौष्टिक आहार विषय पर विस्तार से जानकारी दी और ग्रामीणों को आंगनबाड़ी केंद्र में उपलब्ध सेवाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। आंगनबाड़ी केंद्र की ओर से पोषण आहार प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें विभिन्न पौष्टिक खाद्य पदार्थों की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के दौरान प्रश्न मंच प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर पुरस्कार प्राप्त किए। साथ ही, स्वच्छता पर्व के तहत स्वच्छता शपथ दिलाई गई और ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के अंतर्गत पौध वितरण भी किया गया।
इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों ने संदेश दिया कि “पोषणयुक्त भोजन, स्वच्छता और जनजागरूकता ही स्वस्थ भारत की नींव है।” कार्यक्रम का संचालन सधे हुए तरीके से संपन्न हुआ और ग्रामीणों ने इसे अत्यंत उपयोगी बताया।
आरडीजे/केआरवी/पीजे