अब ईसाइयों के लिए जारी हुआ तुगलकी फरमान — जीसस-क्रास की तस्वीर हटाकर लगाएं जिनपिंग-माओ की फोटो
रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : पेइचिंग, धार्मिक आजादी को कुचलने के लिए बदनाम चाइना ने अब ईसाइयों के खिलाफ तुगलकी फरमान जारी किया है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने फरमान जाण्रएी करते हुए ईसाइयों को कहा है कि ईसाई धर्म को मानने वाले लोग अपने घरों से जीसस की तस्वीर और क्रास को हटाकर राष्ट्रपति जिनपिंग और कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग की तस्वीर लगाएं। इस फरमान के बाद चीन में रहने वाले ईसाइयों में हड़कंप मच गया है।
बताया जा रहा है कि ईसाइयों के खिलाफ ऐसा फरमान जारी करने से पहले ही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने हुबेई, जियांग्सु, झेजियांग, अन्शुई समेत कई राज्यों में स्थित हजारों चर्चों से जीजस की तस्वीरों और क्रास को हटवा दिया है। बताया यह भी गया है कि कई चर्चों में तोड़फोड़ भी की गई है।बताया जा रहा है कि ईसाइयों के खिलाफ ऐसा फरमान जारी करने से पहले ही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने हुबेई, जियांग्सु, झेजियांग, अन्शुई समेत कई राज्यों में स्थित हजारों चर्चों से जीजस की तस्वीरों और क्रास को हटवा दिया है। बताया यह भी गया है कि कई चर्चों में तोड़फोड़ भी की गई है।ज्ञात हो कि चीन में पहले ही मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार की खबरें आती रही है। यहां रहने वाले मुसमानों ने आरोप लगाया है कि शिनजिंयाग प्रांत में रहने वाले लाखों उइगुर मुसलमानों को मानवाधिकार का हनन करते हुए उन्हें जबरन डिटेंशन कैंप में कैद कर रखा है। जबकि लाखों लोगों की विरोध के नाम पर गुपचुप तरीके से हत्या कर दी गई। इतना ही नहीं, उइगुर मुस्लिमों की चीन जबरन नसबंदी भी करवा रहा है। जिससे इनकी आबादी न बढ़ सके। चीन के ऊपर यह भी आरोप है कि वह उइगुर मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता खत्म कर चुका है।