मौलवी ने गुरूद्वारे की जमीन पर कब्जा किया, कहा- ये सिर्फ मुसलमानों का देश है

Report manpreet singh 

Raipur chhattisgarh VISHESH : इस्लामाबाद  में कृष्ण मंदिर की नींव तोड़ने और उसका काम रुकवाने के बाद अब लाहौर में एक मौलवी ने गुरुद्वारे की जमीन पर कब्जा कर लिया है.मौलवी ने गुरूद्वारे की जमीन पर कब्जा किया, कहा- ये सिर्फ मुसलमानों का देश है

इस्लामाबाद. इमरान खान  के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही पाकिस्तान में कट्टरपंथी मौलानाओं के हौसले पहले से ज्यादा बुलंद हो गए हैं. इस्लामाबाद में कृष्ण मंदिर की नींव तोड़ने और उसका काम रुकवाने के बाद अब लाहौर में एक मौलवी ने गुरुद्वारे की जमीन पर कब्जा कर लिया है. इस मौलवी ने न सिर्फ गुरूद्वारे की जमीन पर कब्ज़ा किया है बल्कि एक वीडियो जारी कर कहा है कि पाकिस्तान एक इस्लामिक देश है और यहां सिर्फ मुस्लिम ही रह सकते हैं.

मौलवी सोहैल बट्‌ट नाम का ये कट्टरपंथी दावत-ए-इस्लामी (बरेलवी) नाम के संगठन से जुड़ा बताया जा रहा है. ये मौलवी लाहौर में ही स्थित मुस्लिम सूफी संत हजरत शाह काकु चिश्ती की दरगाह का केयरटेकर भी है. इस मौलवी ने पहले आस-पास के लोगों को भड़काया और फिर सैंकड़ों लोगों के साथ गुरूद्वारे पहुंच गया. यहां इन्होने न सिर्फ सिखों से बेअदबी की बल्कि गुरुद्वारा शहीद भाई तारु सिंह की जमीन पर कब्जा कर लिया है. इस मौलवी ने वीडियो जारी कर पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीजीपीसी) के पूर्व अध्यक्ष गोपाल सिंह चावला को धमकी दी है कि पाकिस्तान में सिर्फ मुसलमानों के रहने की ही जगह है. जानकारी के मुताबिक गोपाल चावला ने ही गुरुद्वारा में पिछले साल श्री निसान साहिब फहराया था जिसके बाद से कट्टरपंथी मौलाना भड़के हुए थे.

ISI के लोग हैं मौलवी के साथ

इस मौलवी का दावा है कि गुरुद्वारा और उसके आसपास की 4 से 5 कनाल जमीन हजरत शाह काकु चिश्ती दरगाह और शहीदगंज मस्जिद की है और यहां सिखों ने कब्जा किया हुआ है. इस मौलवी के साथ पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई का एक सीनियर अफसर जेन साब भी अक्सर देखा जाता है. स्थानीय सिखों का आरोप है कि ये सब इस मौलावी ने आईएसआई की शह पर ही किया है. इस वीडियो में मौलवी कह रहा है- एक मुस्लिम राष्ट्र होने के नाते पाकिस्तान केवल मुस्लिमों का है. 1947 में पाकिस्तान के बनने के समय करीब 20 लाख मुस्लिमों ने जिंदगी गंवाई थी. ये सिख अब भी गुंडागर्दी दिखा रहे हैं. यह एक इस्लामी राष्ट्र है, वे कैसे गुंडागर्दी दिखा सकते हैं? ऐतिहासिक रिकॉर्ड बताते हैं कि यह साइट हमारी है.

शहीद स्थल पर बना है गुरुद्वारा

मिली जानकारी के मुताबिक ये गुरुद्वारा भाई तारु सिंह के शहीद स्थल पर बना है. यहां पर 1726 में मुगल काल के दौरान वायसराय जकारिया खान ने इस्लाम न स्वीकारने पर भाई तारु सिंह का सिर काट दिया था जिसके कई सालों बाद उनकी याद में ये स्थानीय लोगों ने ही बनवाया था. वीडियो में मौलवी स्थानीय सिख कम्युनिटी लीडर गोपाल सिंह चावला और फौजा सिंह को धमकी दे रहा है. बता दें कि फौजा और चावला दोनों खालिस्तान समर्थक माने जाते हैं. 

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