केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने “मध्य प्रदेश को भारत के अग्रणी बाघ राज्य” का दर्जा बरकरार रखने के लिए बधाई दी

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा जारी रिपोर्ट ‘स्टेटस ऑफ़ टाइगर्स: को-प्रेडेटर्स एंड प्रे इन इंडिया-2022’ के मुताबिक़, देश में बाघों की सबसे अधिक संख्या मध्य प्रदेश में है, इसके बाद लिस्ट में कर्नाटक और उत्तराखंड का नाम है, जहां 563 और 560 बाघ हैं.पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारत में बाघों की संख्या 3,167 से बढ़कर 3,925 हो गई है, वहीं ये अधिकतम अनुमानित संख्या है. वहीं औसत संख्या 3,682 है. इस आंकड़े के मुताबिक़ भारत में बाघों की संख्या में इस साल 6.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

इन आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में साल 2022 तक बाघों की संख्या 785 थी. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे लेकर राज्य के नागरिकों को बधाई दी है. केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने भी मध्य प्रदेश को “भारत के अग्रणी बाघ राज्य” का दर्जा बरकरार रखने के लिए बधाई दी. सर्वे के मुताबिक़, पिछले चार सालों में मध्य प्रदेश के जंगलों में 259 बाघों की वृद्धि हुई है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा, “अत्यंत गर्व और हर्ष की बात है कि विगत चार वर्षों में मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई साल 2006 में जब इस सर्वे की शुरूआत हुई थी तब मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या 300 थी. मध्य प्रदेश में छह टाइगर रिजर्व हैं, इनका नाम है कान्हा, बांधवगढ़, पन्ना, पेंच, सतपुड़ा और संजय-दुबरी है l

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