प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा घड़ियाली आंसू बहाना बंद करे भाजपा –तत्कालीन सरकार में मृतक का 5 लाख का बिल अब तक था बकाया
रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आरपी सिंह ने एक बयान जारी कर भारतीय जनता पार्टी को यह समझाइश दी है कि युवाओं के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाना और राजनीतिक रोटी सेकना बंद कर दे। प्रदेश का युवा इस बात को अभी भूला नहीं है कि जब डॉ. रमन सिंह की सरकार थी तब बेरोजगारी और हताशा का क्या आलम था? सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (ब्डप्म्) की रिपोर्ट कहती है कि सितंबर 2018 में जब रमन सिंह की सरकार थी तब बेरोजगारी की दर छत्तीसगढ़ में 22.2ः थी।
कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आत्मदाह करने वाले बच्चू लाल, योगेश साहू और आत्मदाह का प्रयास करने वाले अन्य 8 लोगों के परिजनों को तत्कालीन सरकार के द्वारा कोई भी मदद नहीं दी गई। दिव्यांग स्वर्गीय योगेश साहू ने अपनी बहनों की शादी गरीबी और बेरोजगारी से व्यथित होकर रमन सिंह को 3 आवेदन दिए थलेकिन जब कोई कार्यवाही नहीं हुई और कहीं से कोई मदद नहीं मिली तब निराश होकर योगेश साहू ने तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के निवास के सामने आत्मदाह कर लिया था।
इस घटना के बाद डॉ रमन सिंह का शर्मनाक बयान भी आया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि ऐसी घटनाएं तो होती रहती हैं। स्वर्गीय योगेश साहू आत्मदाह प्रकरण का सबसे दुखद पहलू तो यह है कि डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में स्वर्गीय साहू के इलाज का भुगतान तक अस्पताल को नहीं हुआ था। राज्य में भूपेश बघेल जी की सरकार बनने के बाद जब संबंधित अस्पताल ने भुगतान का देयक प्रस्तुत कर अपना भुगतान चाहा तब इस मामले का खुलासा हुआ है। एक दिव्यांग मृतक के इलाज का खर्च तक वहन नहीं कर पाने वाले लोग आज किस मुंह से हरदेव सिन्हा के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं?
अगर जरा भी नैतिकता है तो भारतीय जनता पार्टी के लोगों को तुरंत स्वर्गीय योगेश साहू से संबंधित अस्पताल का भुगतान करना चाहिए। अन्यथा भाजयुमो के नेताओं को आगामी 4 तारीख को 4 बजे 4 की संख्या में उपस्थित होकर डॉ रमन सिंह के 4000 पुतले फूकने चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा है कि बहुत जल्द छात्र नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल माननीय मुख्यमंत्री जी से मिलकर स्वर्गीय योगेश साहू के उपचार का बिल भुगतान करने का आग्रह करेगा। ब्डप्म् की ताजा रिपोर्ट जो कि अप्रैल 2020 में आई है वह कहती है कि छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर वर्तमान में घटकर 3.4ः रह गई है। भाजपा को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में लगभग 22 लाख पंजीकृत शिक्षित बेरोजगार और लगभग इतने ही अपंजीकृत बेरोजगार थे तब युवाओं के प्रति वो प्रेम कहां छुपा हुआ था जो अब हरदेव सिन्हा के आत्मदाह के प्रयास के बाद उमड़ कर सामने आया है।