कड़ाके की ठंड : डॉक्टरों ने किया आगाह, ‘संभालकर रखें दिल’
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH भारत में एक पुरानी कहावत है “गर्मी ग़रीबों की, सर्दी अमीरों की”. लेकिन फ़िलहाल पूरे उत्तर भारत में पड़ रही कड़ाके की ठंड हर किसी के लिए एक जैसी मुसीबत दिख रही lकहीं पानी जमकर बर्फ़ हो गया है तो कहीं दिन में भी लोग आग जलाकर शरीर को गर्म रखने की कोशिश कर रहे हैं.
डॉक्टरों के मुताबिक ऐसे मौसम में बीमार लोगों के अलावा बुज़ुर्गों और बच्चों की सेहत पर ख़ास ध्यान रखा जाना चाहिए. खानपान से लेकर कपड़े पहनने तक में कई तरह की सावधानी ज़रूरी है l
राजधानी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर संजय राय के मुताबिक, “ठंड से बचने के लिए एक मोटा कपड़ा पहनने से ज़्यादा अच्छा है कि आप कई कपड़े पहनें. इससे शरीर को ज़्यादा गर्मी मिलती है.”
वो कहते हैं, “दरअसल दो कपड़ों के बीच मौजूद हवा अच्छे इन्सुलेटर का काम करती है. यानी ये बाहर की ठंड को शरीर तक पहुंचने से रोकने में मोटे कपड़े से ज़्यादा कारगर उपाय है.”
संजय राय कहते हैं, “ठंड से बचने के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है डायरेक्ट एक्पोज़र से बचना. इसलिए ज़्यादा ठंड के मौसम में सुबह की सैर बंद कर देनी चाहिए. इस दौरान प्रदूषण भी ज़्यादा होता है, जो ख़तरे को और भी बढ़ा देता है.”
दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर मोहसिन वली कहते हैं “बुज़ुर्गों को तो ज़्यादा कपड़े पहनकर सोना भी चाहिए और मॉर्निंग वॉक से बचना चाहिए. इसके अलावा महिलाएं आजकल ज़ीरो नेक वाले कपड़े पहनती हैं, यह ठंड से बचने का अच्छा उपाय है.”
डॉक्टरों के मुताबिक़, जाड़े में ब्लड प्रेशर के कई मरीज़ों को दवा की डोज़ भी बढ़ाने की ज़रूरत पड़ती है. उनको नियमित तौर पर ब्लड प्रेशर की जांच भी करानी चाहिए. ऐसे मौसम में पांच साल से कम उम्र के बच्चों का भी ज़्यादा ध्यान रखना ज़रूरी है, ख़ासकर एक साल से कम उम्र के बच्चों का. क्योंकि उनके शरीर का थर्मल रेगुलेटर बहुत विकसित नहीं होता है. यानी उनका शरीर बाहरी तापमान से मुक़ाबला करने में कमज़ोर होता है.
जाड़े के दिनों में खाने पीने की कई चीजें भारत में काफ़ी लोकप्रिय होती हैं. इनमें सुबह अदरक वाली चाय शरीर को तरोताज़ा करने में मदद करती है तो मूंगफली, गजक या तिलकुट और भुने शकरकंद को भी लोग खूब पसंद करते हैं.
डॉक्टर मोहसिन वली के मुताबिक़, “हाई कैलोरी वाली चीजों के अलावा फ़ाइबर (रेशेदार) और प्रोटीन वाले भोजन ठंड की वजह से पैदा होनी वाली बीमारियों से लड़ने में काफ़ी मददगार होते हैं.”
वली कहते हैं, “मेथी, केसर, बादाम और अखरोट जैसी चीजों से शरीर को काफ़ी उर्जा मिलती है. इसके अलावा आम घरों में इस्तेमाल होने वाले अदरक, सोंठ, शहद, रागी, गुड़, चना, मुंगफली, तिल की रेवड़ी और कलौंजी जैसी चीजों का ज़्यादा इस्तेमाल सर्दियों में काफ़ी अच्छा होता है.”
डॉ वली का कहना है, “लोग इस तरह की सारी सावधानी रखने के बाद भी कई बार ठंड की चपेट में आ जाते हैं. इसके पीछे एक बड़ा कारण होता है रात के समय टॉयलेट जाना. लोग रजाई में सो रहे होते हैं और अचानक उठकर टॉयलेट चले जाते हैं. बुज़ुर्गों के लिए गर्म बिस्तर से निकलकर सीधा ठंड के संपर्क में आना एक बड़ा ख़तरा है.