पांच नए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश का इंतजार खत्म : छात्रों को 30 नवंबर तक प्रवेश देने का संशोधित आदेश जारी था, जल्द शुरू होंगे 26 नए स्कूल,कक्षा पहली में प्रवेश के लिए आवेदन ज्यादा

Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH शहर में खुले पांच नए आत्मानंद स्कूलों में पहली से बारहवीं तक सभी कक्षाओं में प्रवेश होना है। जिन कक्षाओं में सीटों से अतिरिक्त आवेदन मिले हैं, वहां पर लाटरी के माध्यम से छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। नौवीं से बारहवीं कक्षाओं के लिए कई स्कूलों में एक भी आवेदन नहीं आए हैं। पांच नए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश का इंतजार खत्म हो गया है। छात्रों को 30 नवंबर तक प्रवेश देने का आदेश जारी हो चुका है। स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो जाएगी।शिक्षा सत्र के बीच में राजधानी समेत राज्य में 26 नए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुल रहे हैं। इन सभी स्कूलों में प्रवेश के लिए आवेदन अक्टूबर में मंगवाए गए थे। विधानसभा चुनाव के कारण प्रवेश प्रक्रिया रुक गई थी। अब प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

जानकारों के अनुसार शिक्षा सत्र के बीच में नए स्कूल शुरू होने के कारण इन कक्षाओं के छात्रों के अभिभावकों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है। पांच नए स्कूलों में प्रवेश के लिए शिक्षा विभाग की ओर से चार से 14 अक्टूबर तक आवेदन मंगवाए गए थे।

नए शुरू हो रहे स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पहली कक्षा में प्रवेश के लिए पांचों स्कूलों में सीटों से ज्यादा आवेदन मिले हैं। सप्रे स्कूल बूढ़ापारा के लिए 800 फार्म मिले हैं। इनमें से पहली कक्षा की 50 सीटों के लिए करीब 100 आवेदन हैं। काशीराम शर्मा शासकीय उ.मा. विद्यालय भनपुरी में कक्षा पहली की 50 सीटों के लिए 300 फार्म मिले हैं। शासकीय उ.मा. विद्यालय त्रिमूर्ति नगर में पहली की 30 सीटों के लिए 50 से अधिक, पं गिरिजा शंकर मिश्र शा.उ.मा. विद्यालय रायपुरा की 50 सीटों के लिए करीब डेढ़ सौ आवेदन मिले हैं। नए स्कूलों में लगभग अलग-अलग कक्षाओं में 720 सीटें हैं।

नौवीं से बाहरवीं कक्षा में प्रवेश के लिए अधिकतर स्कूलों में आवेदन नहीं मिले हैं। दसवीं-बाहरवीं बोर्ड होने के कारण अभिभावक अपने बच्चों को बीच में डिस्टर्ब नहीं करना चाहते हैं। इस वजह से भी आवेदन नहीं आए। मार्च में बोर्ड परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। स्कूलों में लगभग 80 प्रतिशत कोर्स भी पूरा हो गया है। स्कूल बदलने से पढ़ाई भी प्रभावित होगी, इसलिए कोई भी छात्र बोर्ड परीक्षा में किसी भी प्रकार की गलती नहीं करना चाहता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *