मौलाना साद की सामने आई क्राइम कुंडली, मरकज से ऐसे कमाए दो हजार करोड़ रुपये

रिपोर्ट मनप्रीत सिंह

रायपुर छत्तीसगढ विशेष :alt मौलाना साद का क्वारंटीन पीरियड खत्म हो गया है. उसकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने उसको सरकारी अस्पताल में जाकर टेस्ट कराकर रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है. दिल्ली पुलिस मौलाना साद को 160 सीआरपीसी का नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाना चाहती है. इसी बीच, दिल्ली पुलिस ने कोरोना संक्रमण फैलाने के आरोपी मौलाना साद का डोजियर जारी किया है जिसमें उसके क्राइम की कुंडली कैद है.

डोजियर में मौलाना साद की रूटीन दिनचर्या से लेकर उसके खास लोगों समेत मरकज के 2 टॉप आरोपियों तक के नाम लिखे हैं. दिल्ली पुलिस द्वारा तैयार किये गए इस डोजियर पर यकीन करें तो इसमे वो नाम लिखे गए हैं जो परिवार, रिश्तेदार और उसके बेटों में मौलाना के सबसे खास और करीबी हैं. इस डोजियर में सबसे पहले लिखा है कि मौलाना साद रोज सुबह 8 बजे मरकज पहुंच जाता है. वहां वो दोपहर 2 से ढाई बजे तक वहां रहता है. फिर 2 घंटे के लिए अपने घर आता है और 4 बजे वापस मरकज पहुंच जाता है, जहां वो रात 10 बजे तक रहता है.

डोजियर में उसके उत्तराधिकारियों की लिस्ट में उसके तीनों बेटों के नाम दर्ज हैं:
1. मोहम्मद यूसुफ- बड़ा बेटा- निवासी मरकज बस्ती, निजामुद्दीन, 6 मंजिल
2. मोहम्मद सईद- मंझला बेटा
3. मोहम्मद इलयास- तीसरा बेटा

तबलीगी जमात के बैंक खातों की ज़िम्मेदारी मौलाना साद के बेटे यूसुफ सईद और इलियास के पास है. वहीं मौलाना साद के भांजे ओवैस का भी जमात की फंडिंग में अहम रोल है. जांच एजेंसी को शक है कि विदेशी फंडिंग से ही मौलाना साद ने दो हजार करोड़ की निजी संपत्ति जुटा ली है.
मौलाना के कांधला स्तिथ फार्महाउस में क्राइम ब्रांच की रेड इसी निजी संपत्ति का ब्यौरा इक्कठा करने की कवायद का हिस्सा थी. मौलाना साद के सबसे करीबी रिश्तेदार का नाम मौलाना अब्दुल रहमान है जो कि जाकिर नगर में 6 स्टोरी बिल्डिंग, अबु बकर मस्जिद के पास, जाकिर नगर वेस्ट में रहता है. शुरुआत में क्राइम ब्रांच को शक था कि मौलाना अपने इसी रिश्तेदार के घर छिपा हुआ है.

जिस मरकज की कमाई पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं, उसमें उसके 2 मुलाजिम मौलाना साद के आंख-कान और नाक हैं.

1. हाजी मोहम्मद यूनुस:
निवासी: मुस्तफाबाद
पद: दरवाजों का केयर टेकर, सिक्योरिटी और ट्रांसपोर्टेशन का हेड,
काम: मौलाना के पीठ पीछे कौन-कौन मरकज में आता है और वहां काम कर रहे कर्मचारियों में नजर रखने की जिम्मेदारी यूनुस की है.

2. मौलाना मुफ्ती शहजाद: (ये अभी क्वारंटाइन है. मौलाना के साथ इसके खिलाफ भी एफआईआर है.)
निवासी: जाकिर नगर
काम: इसका काम मरकज में प्रशासनिक कमेटी के सदस्यों में नजर रखना है. मौलाना साद ने बड़ी मुश्किल से खून बहाकर मरकज पर कब्जा किया था. खुद को अमीर बनाया. वह नहीं चाहता कि उसकी इस सल्तनत में कोई दगाबाजी करें. इन पर नजर रखने की जिम्मेदारी मौलाना शहजाद की है.

जांच के दौरान क्राइम ब्रांच के रडार पर मौलाना साद के 11 रिश्तेदारों और करीबियों के मोबाइल नंबर भी है जिन पर नजर रखी जा रही है. शक है कि मौलाना साद इन सभी के संपर्क में हो सकता है. इसके अलावा परिवार और मरकज से जुड़े करीब 11 बैंक अकाउंट भी क्राइम ब्रांच के टारगेट पर हैं, जिनमें करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है.

मौलाना मोहम्मद साद ने 1995 में सबसे पहले तबलीगी जमात से बगावत की थी, जब उसने रिश्ते में अपने बड़े भाई लगने वाले जुबैर को उसके पिता की मौत के बाद मरकज का अमीर बनने से रोक दिया था और मरकज को चलाने के लिए कमेटी का गठन किया था. इसमें जुबैर, मौलाना साद समेत कई सारे अन्य लोग भी थे लेकिन 2014 में जुबैर की मौत के बाद मौलाना साद ने अपने आप को अमीर घोषित कर दिया.

साद की इस हरकत पर जुबैर के पक्ष के लोगों ने आपत्ति जताई तो उसने 4 जून 2016 को मरकज में मेवात से बुलाए हुए लोगों से दूसरे पक्ष के लोगों को बुरी तरह पिटवाया. इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस को भी दी गई थी लेकिन मौलाना साद का कद इतना बड़ा था कि पुलिस को भी मरकज में जाने की अनुमति नहीं थी. ये मौलाना साद का रसूख ही था कि जिले का डीसीपी भी उससे मिलने के लिए घंटों इंतजार करता था लेकिन मौलाना तब भी उससे नहीं मिलता था. अब मौलान मोहम्मद साद का रसूख खत्म हो चुका है. कोरोना वायरस फैलाने के आरोप में मौलाना मोहम्मद साद पर गैर-इरादतन हत्या का भी आरोप लग चुका है. पुलिस को अब मौलाना की तलाश है, जो जल्द ही पुलिस के सामने पूछताछ के लिए हाजिर होगा.

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