लालू यादव को करोना के डर से नहीं निकलने दिया जा रहा वार्ड से बाहर , किडनी सहित 15 बिमारिओ से ग्रस्त है लालू , दिसंबर 2017 से बंद है जेल में
रिपोर्ट मनप्रीत सिंग
रायपुर छत्तीसगढ विशेष : चारा घाेटाला के सजायाफ्ता लालू यादव कोरोना संक्रमण के कारण अपने जेल के कमरे से बाहर नहीं निकल रहे हैं. उनका इलाज कर रहे डॉ उमेश प्रसाद ने बताया कि लालू प्रसाद ने टहलना बंद कर दिया है, खाने में उनकी रुचि भी कम हो गयी है इसलिए उनका डायट भी पहले से कम हो गया है. कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए उनको एहतियात बरतने को कहा गया है. समस्या होने पर उनका इलाज भी किया जाता है. उनके सेवादार को भी कमरे से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है.
लालू प्रसाद यादव 23 दिसंबर 2017 से जेल में बंद है। ऐसे में लालू करीब 28 माह से जेल में बंद है जो पैरोल की शर्तों को पूरा करता है। लालू के इलाज में जुटे रिम्स के चिकित्सकों का कहना है कि वह किडनी सहित 15 गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं. गौरतलब है कि लालू प्रसाद पिछले एक महीने से लॉकडाउन के कारण अपने कमरे में हैं. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को डॉक्टरों ने कोरोना से बचाव के मद्देनजर उन्हें हमेशा हाथ धोने और सेनेटाइजर का उपयोग करने को भी कहा है. वहीं रिम्स का स्त्री एवं प्रसूति विभाग पूरी तरह बंद हो गया है. स्त्री विभाग ने रिम्स प्रबंधन को पत्र लिखकर स्पष्ट कह दिया है कि सभी डॉक्टर व कर्मी कोरोना जांच और 14 दिन तक आइसोलेशन में रहने के बाद ही सेवा देंगी.
विभागाध्यक्ष डॉ अनुभा विद्यार्थी ने कहा है कि कोरोना पॉजिटिव दो महिलाओं का प्रसव कराया गया है, जिनके संपर्क में अधिकांश डॉक्टर, नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ आ गयी हैं. कोरोना की जांच कराने और आइसोलेशन में जाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. सूत्रों की मानें तो टास्क फोर्स से विभाग की डॉक्टरों ने संदिग्ध गर्भवती महिलाओं के लिए अलग लेबर रूम तैयार करने का आग्रह किया था, लेकिन समय रहते अनुमति नहीं मिल पायी. रिम्स में स्त्री एवं प्रसूति विभाग के बंद होने की जानकारी रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को दे दी है. विभाग काे बताया गया है कि स्त्री विभाग की सीनियर,जूनियर डॉक्टर और नर्स शनिवार से क्वारेंटाइन पर चली गयी हैं. ऐसे में विभाग को संचालित नहीं किया जा रहा है.