कैट ने छत्तीसगढ़ के व्यापार उद्योगों के बिजली बिल में से फिक्स्ड चार्ज माफ करने की मांग

रिपोर्ट मनप्रीत सिंग      

रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष ; कॉनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमर पारवानी सहित पदाधिकारियों ने संयुक्त बयान जारी कर राज्य के व्यापार और उद्योगों के बिजली बिल में से लॉक डाउन के समय फिक्स्ड चार्ज को माफ करने की मांग की है। इस संबंध में अमर पारवानी ने छतीसगढ़ विद्युत नियामक को पत्र भेजकर लघु उद्यमियों के लिए मांग की है। पत्र के माध्यम से कहा है कि लॉक डाउन होने के बाद से कैट की वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रदेश के हर जिले के व्यापारियों ने चर्चा में एक स्वर में मांग की है। उद्योग एवं व्यापारिक संस्थान अभी बंद है और बिजली खपत नहीं हो रही है। लॉक डाउन की वजह से लघु उद्यमियों और छोटे-छोटे व्यापारियों को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए उद्योग एवं व्यापारिक संस्थान के इकाइयों का तीन महीने का बिजली का बिल में से फिक्स्ड चार्ज को माफ किया जाए, जो की न्याय संगत है। सभी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं के बिलों की अदायगी बगैर सरचार्ज के एक माह तक बढ़ाई जाए। इसके अलावा एचटी,एलटी (गैर घरेलू) और औद्यौगिक श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं के फिक्स चार्ज माफ किया जाय। लॉक डाउन में (25 मार्च से 14 अप्रैल तक) उनकी अदायगी की तिथि बगैर किसी सरचार्ज व ब्याज के एक माह तक बढ़ा दी जाए, ताकि उद्योग एवं व्यापारिक संस्थान लॉक डाउन खुलने के बाद अपने उद्योग एवं व्यापारियों की इकाई और दुकान सुचारू रूप से शुरू कर छतीसगढ़ राज्य के विकास में अपना योगदान दे सके।
इसके अलावा एचटी,एलटी (गैर घरेलू) और व्यापारिक संस्थान में काम्प्लेक्स श्रेणी के बिजली उपभोक्ता जिनका बिजली का लोड 20 किलोवाट या इससे अधिक है, इन सभी बिजली उपभोक्ताओं का मार्च और अप्रैल माह का फिक्स चार्ज माफ कर देने से व्यापारियों और उद्यमियों को बिजली बिल का भार कम होगा। अमर पारवानी ने अनुरोध किया है कि लॉक डाउन के कारण आम लोगों की आमदनी का जरिया पूरी तरह बंद हो चुका है,जिससे व्यापार बुरी तरह प्रभावित है। आशा है कि इस विनती को स्वीकार करते हुए व्यापारियों के व्यावसायिक बिजली तीन महीने का बिजली के बिल का फिक्स्ड चार्ज माफ करें। लॉक डाउन के दौरान उपयोग किए बिजली का ही बिल भेंजें। इसके लिए आदेश पारित करेंगे ताकि व्यापारियों एवं उद्यमियों को बड़ी राहत मिल सकें।

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