बीते तीन महीनों में किम जू-एई पांचवी बार सार्वजनिक रूप से दिखी कहीं उसे उत्तराधिकारी के तौर पर तैयार तो नहीं किया जा रहा

Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH : परेड के ज़रिए अपनी बेटी को भी दुनिया के सामने ले आए.जैसे ही उत्तरी कोरिया के तानाशह ने परेड की सलामी के लिए अपनी जगह ली उनके साथ काली ड्रेस में एक बच्ची भी थी. माना जाता है कि वो किम जोंग की दूसरी औलाद है और उनका नाम है किम जू-एई. उनकी उम्र 10 साल बताई जाती है. बीते तीन महीनों में वे पांचवी बार सार्वजनिक रूप से दिखी हैं. इस छोटे से वक्त में किम जू-एई में कई बदलाव आए हैं. ये बदलाव इस बाती की ओर संकेत देते हैं कि शायद उन्हें किम जोंग उन के उत्तराधिकारी के तौर पर तैयार किया जा रहा है.ये बच्ची पहली बार बीते साल नंवबर में एक इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल के लांच के समय दिखी थीं. तभी फुसफुसाहट शुरू हो गई थी क्या एक दिन यही बच्ची उत्तर कोरिया की लीडर होगी l सफ़ेद जैकेट और लाल रिबन बांधे उसने अपने पिता का हाथ पकड़ा था और वो नन्हीं सी लग रही थी.शायद किम जोंग उन ख़ुद को अच्छे पिता के रूप में पेश करना चाहते थे. या शायद वो ये साफ़ करना चाहते थे कि वे अपने जंगी हथियारों और परिवार के साथ सुरक्षित हैं और कोरिया पर उनका नियंत्रण मजबूत है.लेकिन हर बार किम जू-एई, पहले से ही अधिक प्रभावी नज़र आई हैं

परेड से पहले मंगलवार की रात वो उत्तरी कोरिया को शीर्ष मिलिट्री अधिकारियों के साथ एक भोज में भी शामिल हुईं. उन्होंने सफ़ेद शर्ट और काली स्कर्ट पहली थी. उत्तर कोरिया के मामले में दिलचस्पी रखने वाले जानकारों के लिए ये सब हैरान करने वाला था.अपनी मां और पिता के बीच बैठी हर तस्वीर में ये बच्ची आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी. दूसरी दिलचस्प बात इसी बच्ची के वर्णन में प्रयोग की गई भाषा है.

उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने पहले उन्हें किम जोंग-उन की प्रिय बेटी कह कर संबोधित किया. लेकिन मंगलवार पर सैन्य भोज के दिन उन्हें ‘सम्मानित बेटी’ कहा गया.उत्तर कोरिया में ‘सम्मानित’ एक ऐसा विश्लेषण है जो सिर्फ़ बेहद इज़्ज़तदार लोगों के नाम के आगे लगाया जाता है.

किम जोंग-उन के नाम के आगे भी सम्मानित तभी लगा था जब उनका नाम नेता के रूप में पक्का हो गया था.अपनी स्थापना के बाद से ही उत्तर कोरिया पर, किम परिवार की तीन पीढ़ियों का शासन रहा है. वहां के लोगों को बताया जाता है कि किम परिवार एक पवित्र ख़ानदान है और वही उन पर राज करने का हक़दार है.

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