
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित बचपन बचाओ आंदोलन(बीबीए) ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग(एनसीपीसीआर), एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट(एएचटीयू) और दिल्ली पुलिस के सहयोग से दक्षिणी दिल्ली में चल रही एक अवैध प्लेसमेंट एजेंसी से 10 नाबालिग आदिवासी लड़कियों को मुक्त करवाया है. इन सभी लड़कियों को अवैध तरीके से झारखंड के दक्षिणी सिंहभूम जिले से लाया गया था. इन्हें अच्छे काम व पैसे का लालच देकर यहां लाया गया था. पुलिस ने इस मामले में दो के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.मुक्त करवाई गई सभी लड़कियों की उम्र 13 से 17 साल के बीच है. सभी लड़कियों का मेडिकल टेस्ट करवा लिया गया है और इसके बाद इन्हें चाइल्ड वेलफेयर कमेटी(सीडब्ल्यूसी) के सामने पेश किया जाएगा. बीबीए के निदेशक मनीष शर्मा ने कहा, हमारा संगठन उन प्लेसमेंट एजेंसियों की गतिविधियों के खिलाफ है, जो गरीब व कमजोर वर्ग के बच्चों को लालच देकर या बहला-फुसलाकर ट्रैफिकिंग का शिकार बनाती हैं. उन्होंने आगे कहा, हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह आने वाले समय में ऐसी अवैध गतिविधियों में लिप्त रहने वाली प्लेसमेंट एजेंसियों के खिलाफ एक कठोर कानून लाए. गौरतलब है कि देश की राजधानी में पहले भी ऐसे मामले सामने आते रहे हैं.

















