उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की नई गाइडलाइन के अनुसार, अब विज्ञापन करने वालों का प्रचार, ईमानदारी भरी राय, विश्वास या अनुभव पर आधारित होना चाहिए – किसी भी प्रोडक्ट के विज्ञापन हेतु गलत जानकारी दी तो लगेगा 50 लाख तक का जुर्माना

Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH सरकार ने बिना किसी अनुभव, इस्तेमाल या जानकारी के सेलेब्रिटी या खिलाड़ियों द्वारा उत्पादों का विज्ञापन करने को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत नए नियमों को अधिसूचित करते हुए कहा है कि अगर विज्ञापन में गलत जानकारी या बिना अनुभव के इसे एंडोर्स किया जाता है तो इसको लेकर विज्ञापनकर्ता को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा. नए बदलावों के तहत सेलेब्रिटीज या स्पोर्ट्स पर्सन को मैटेरियल कनेक्शन डिस्क्लोजर देना होगा, साथ ही किसी विज्ञापन को एंडोर्स करते वक्त पूरी सावधानी बरतनी होगी. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की शुक्रवार को जारी नई गाइडलाइन के अनुसार, विज्ञापन करने वालों का प्रचार ईमानदारी भरी राय, विश्वास या अनुभव पर आधारित होना चाहिए.
‘भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और विज्ञापन के प्रचार से संबंधी जरूरी सावधानियां’ 10 जून से प्रभाव में आ गई हैं. इसमें किसी विज्ञापन को वैध या भ्रामक मानने संबंधी मानक भी दिए गए हैं. इसमें मुफ्त, भ्रामक और अन्य तरह के विज्ञापनों से जुड़े स्पष्टीकरण दिए गए हैं.
अगर विज्ञापनकर्ता ऐसे उत्पाद से किसी भी प्रकार का संबंध रखते हैं तो उसकी जानकारी भी देनी होगी. ऐसा न करना उपभोक्ता संरक्षण कानून का उल्लंघन माना जाएगा. मैटेरियल डिस्क्लोजर का मतलब ही है कि ऐसा संबंध जो किसी एंडोर्समेंट यानी विज्ञापन की अहमियत या भरोसे को किसी भी तरह से प्रभावित करता हो, लेकिन उपभोक्ता को इसके बारे में जानकारी नहीं हो.गाइडलाइन के अनुसार, अगर किसी उत्पाद के विज्ञापनकर्ता और कारोबारी, निर्माता या विज्ञापनदाता के बीच कोई ऐसा कनेक्शन होता है, जो वास्तव में उस एंडोर्समेंट की वैल्यू या विश्वसनीयता को प्रभावित करता है और ऐसे किसी संबंध की उम्मीद उपभोक्ता द्वारा नहीं की जाती, तो इसकी पूरी जानकारी देनी होगी. इसका उल्लंघन होता है तो पहले बार ऐसे मामले में 10 लाख और अगली बार से 50 लाख रुपये तक का जुर्माना होगा.