कैट ने कहा आर्थिक महामारी कोरोना से भी बड़ी होगी – भारतीय खुदरा क्षेत्र वेंटीलेटर पर
रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि लॉक डाउन लागू होने से लेकर 30 अप्रैल तक भारतीय खुदरा व्यापार में लगभग 5.50 लाख करोड़ रुपए का व्यापार नहीं हुआ। छत्तीसगढ़ में 5 मई तक की स्थिति में लगभग 33 हजार करोड़ रुपए का व्यापार प्रभावित हुआ है। कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी सहित पदाधिकारियों ने कहा कि भारतीय रिटेलर्स लगभग 15,000 से 20,000 करोड़ का दैनिक कारोबार करते हैं और देश में 40 दिनों से अधिक समय से तालाबंदी चल रही है। भारत के 7 करोड़ व्यापारियों में से लगभग 1.5 करोड़ व्यापारियों को कुछ महीनों में ही अपने व्यापार को स्थायी रूप से बंद करना होगा। लगभग 75 लाख व्यापारी जो इन 1.5 करोड़ व्यापारियों पर निर्भर हैं, उन्हें भी अपना व्यापार बंद करने पर मजबूर होना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में रोजाना 700 से 800 करोड़ का व्यापार होता है,जिसमें 60 हजार व्यापारियों के जरिए 20 लाख लोगों को रोजगार मिलता है। राज्य सरकार को बड़ी मात्रा में राज्य जीएसटी की भी प्राप्ति होती है। 42 दिनों में प्रदेश में 33 हजार करोड़ का व्यापार प्रभावित हुआ। व्यापार बंद होने से सरकार को औसत 12 फीसदी जीएसटी के अनुमान से लगभग 4000 करोड़ से अधिक के राजस्व का नुकसान राज्य सरकार को उठाना पड़ा है। व्यापार न होने से कम से कम 24 फीसदी व्यापारियों और उन व्यापारियों पर निर्भर लगभग 10 अन्य व्यापारियों का व्यापार बंद होने की संभावना है। कैट ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से आग्रह किया है कि सरकार देश व प्रदेश के व्यापारिक समुदाय को संभालने और व्यापारियों को उनके अस्तित्व को तय करने के लिए पर्याप्त पैकेज दे। इससे ही देश के व्यापार को इस कठिन समय से उबारा जा सके। अमर परवानी ने कहा कि गृह मंत्रालय की ओर से ंविभिन्न अधिसूचनाओं का जमीनी स्तर पर ठीक तरह से पालन नहीं हुआ है। दिशानिर्देशों को लागू करने में राज्यों ने कोताही बरती है। जिला स्तर पर राज्य सरकारें और अधिकारी अपनी-अपनी धुन गा रहे हैं। दिशानिर्देशों में इस अस्पष्टता के कारण भारतीय खुदरा विक्रेताओं के संकट को और बढ़ा दिया है। भारतीय खुदरा क्षेत्र वेंटीलेटर पर हैं। आर्थिक महामारी कोरोना महामारी से भी बड़ी होगी।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में रोजाना 700 से 800 करोड़ का व्यापार होता है,जिसमें 60 हजार व्यापारियों के जरिए 20 लाख लोगों को रोजगार मिलता है। राज्य सरकार को बड़ी मात्रा में राज्य जीएसटी की भी प्राप्ति होती है। 42 दिनों में प्रदेश में 33 हजार करोड़ का व्यापार प्रभावित हुआ। व्यापार बंद होने से सरकार को औसत 12 फीसदी जीएसटी के अनुमान से लगभग 4000 करोड़ से अधिक के राजस्व का नुकसान राज्य सरकार को उठाना पड़ा है। व्यापार न होने से कम से कम 24 फीसदी व्यापारियों और उन व्यापारियों पर निर्भर लगभग 10 अन्य व्यापारियों का व्यापार बंद होने की संभावना है। कैट ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से आग्रह किया है कि सरकार देश व प्रदेश के व्यापारिक समुदाय को संभालने और व्यापारियों को उनके अस्तित्व को तय करने के लिए पर्याप्त पैकेज दे। इससे ही देश के व्यापार को इस कठिन समय से उबारा जा सके। अमर परवानी ने कहा कि गृह मंत्रालय की ओर से ंविभिन्न अधिसूचनाओं का जमीनी स्तर पर ठीक तरह से पालन नहीं हुआ है। दिशानिर्देशों को लागू करने में राज्यों ने कोताही बरती है। जिला स्तर पर राज्य सरकारें और अधिकारी अपनी-अपनी धुन गा रहे हैं। दिशानिर्देशों में इस अस्पष्टता के कारण भारतीय खुदरा विक्रेताओं के संकट को और बढ़ा दिया है। भारतीय खुदरा क्षेत्र वेंटीलेटर पर हैं। आर्थिक महामारी कोरोना महामारी से भी बड़ी होगी।