रमन सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे राजेश मूणत की तथाकथित सेक्स सीडी कांड, मामले की सुनवाई के पहले एक याचिका ने मचाई धमाल,हिल सकती है मुख्यमंत्री की कुर्सी

Report manpreet singh 

Raipur chhattisgarh VISHESH : छत्तीसगढ़ में फिर सीडी कांड का जिन्न निकलता दिखाई दे रहा है, ताजा जानकारी के अनुसार बीते 3 साल से लंबित अश्लील सीडी कांड में एक नया मोड़ फिर दिखाई देने लगा है, सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ के कुछ प्रवासी और मुखबीर के द्वारा एक याचिका लगाई गई है, जिसमें कहा गया है की वे छत्तीसगढ़ से ही हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पर अश्लील सीडी कांड में लिप्त होने का आरोप है, जिससे यह याचिकाकर्ता काफी व्यथित हैं,  इन याचिकाकर्ताओं का मानना है की साफ-सुथरे छत्तीसगढ़ में कोई दागदार यदि मुखिया हो तो यह प्रदेश की जनता का मूलभूत अधिकार छिनता हुआ नजर आता है l 

ऐसे में याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की है कि इस केस में नियमित सुनवाई किया जाए, ताकि कुछ ही माह के भीतर इस पूरे केस का पटाक्षेप हो सके और छत्तीसगढ़ को एक आरोप मुक्त मुख्यमंत्री मिल सके, इन याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि यदि भूपेश बघेल इस सीडी कांड से बरी हो जाते हैं तो उन्हें या छत्तीसगढ़ की जनता को कोई मलाल नहीं होगा, लेकिन लंबित मामले का निपटारा होना बहुत जरूरी है ।इधर याचिकाकर्ताओं की याचिका की खबर आग की तरह दिल्ली सहित छत्तीसगढ़ में भी फैल गई है, अब राष्ट्रीय राजनीति में एक भूचाल आने की पूरी संभावना नजर आ रही है, इस याचिका की भनक कांग्रेस हाईकमान सोनिया और राहुल को लग गई है, गौरतलब है कि वर्ष 2017 अक्टूबर में छत्तीसगढ़ में सीडी कांड ने राजनीतिक भूचाल ला दिया था l

जिसमें तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत इस तथाकथित सेक्स सीडी कांड में फसते नजर आए थे, वही कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और उनके काफी नजदीकी विनोद वर्मा समेत कई लोगों पर मामले भी दर्ज किए गए थे  lलेकिन वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में राजनीति को पलट कर रख दिया, वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में 15 साल से सत्ता में काबिज भाजपा को कांग्रेस ने बड़े ही अंतर मतों से उखाड़ कर फेंक दिया, जिसके बाद कांग्रेस सत्ता में आते ही प्रदेश में सीबीआई को बैन कर दिया।

लिहाजा तथाकथित सीडी कांड की जांच भी धीमी पड़ गई और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाकर कहा कि इस केस की सुनवाई छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य किसी भी राज्य में करवाने की अनुमति दें, इस केस की अगली सुनवाई इसी माह 17 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में होना तय हुआ है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इस केस को खुद ही सुनेंगे जिस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है ।अब इस केस में नए तौर पर लगे याचिका के बाद सियासी गलियारों में उथल-पुथल मच गई है, एक तरफ कुछ ही दिन पहले सूबे के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने किसानों को अंतर की राशि नहीं दिए जाने पर इस्तीफे की पेशकश कर दी थी, जिसे लेकर भी काफी उहापोह की स्थिति प्रदेश की राजनीति में देखने मिली थी, वही अब याचिका कर्ताओं के याचिका को इससे जोड़कर भी देखा जा रहा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव के बाद जब कांग्रेस सुपर पावर बनकर उभरी थी, तब प्रदेश के मुखिया के तौर पर तीन दावेदारों के नाम सुर्खियों में चल रहे थे, जिनमें भूपेश बघेल, टी एस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू के नाम सबसे ऊपर था, लेकिन मुख्यमंत्री की दौड़ में भूपेश बघेल ने बाजी मार दी और यह सुनाई दिया था यह कुर्सी महज ढाई साल के लिए है, ढाई साल के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर और कोई होगा, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बने करीब 18 महीने बीत चुके हैं और 7 महीने बाकी है, ढाई वर्ष पूरे होने के लिए, अब सीडी कांड पर सुप्रीम कोर्ट में लगे याचिका जिस पर मुख्यमंत्री पर सीधा वार किया गया है,उसे देखते हुए लग रहा है कि यह सियासी उठापटक ही है यानी मुखबीर सत्ता के गलियारों से ही हो सकता है, ऐसे में यदि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री का बदलाव हो जाए तो कोई बड़ी बात नहीं है, हां यह जरूर है कि अगला सिरमौर कौन बनेगा यह तो वक्त ही बताएगा।

 

 

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