इंदिरा गांधी की पोती हूँ किसी से नही डरती:प्रियंका गांघी
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH :भाजपा के नेता इस बात से भन्नाए हुए हैं कि प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए बार बार क्यों कहा जा रहा है कि वे इंदिरा गांधी की पोती हैं। खुद प्रियंका ने पिछले दिनों यह बात कही। दिल्ली के लोधी रोड का बंगला खाली कराने का नोटिस आने के बाद किसी संदर्भ में प्रियंका ने कहा कि वे इंदिरा गांधी की पोती हैं और किसी से नहीं डरती हैं। सवाल है कि राहुल गांधी क्या इंदिरा गांधी के पोते नहीं हैं? उनके बारे में तो कांग्रेस पार्टी का कोई नेता यह नहीं कहता है कि वे किसी से नहीं डरते हैं वे इंदिरा गांधी के पोते हैं! वे इंदिरा गांधी के पोते हैं, राजीव गांधी के बेटे हैं और सोनिया गांधी की ओर से गांधी-नेहरू परिवार की विरासत आगे बढ़ाने के लिए चुने गए हैं फिर भी उनको लेकर इंदिरा गांधी वाली बात नहीं होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कांग्रेस के अंदर एक बड़ा वर्ग ऐसा है, जो प्रियंका के लिए जगह बनाने में लगा हुआ है और लगातार इस प्रयास में है कि राहुल की बजाय प्रियंका को राजनीतिक विरासत मिले। इसका एकमात्र कारण यह है कि राहुल किसी की नहीं सुनते हैं और प्रियंका का बरताव बहुत लचीला है, जो राजनीति की सबसे पहली जरूरत है। तभी राहुल पिछले 16 साल से राजनीति में हैं और कभी नहीं कहा गया कि वे इंदिरा गांधी के पोते हैं। पर प्रियंका के राजनीति में आने से पहले से उनकी नाक और उनके बालों की स्टाइल से लेकर बोलने, चलने सबकी तुलना इंदिरा से होती रही और आखिरकार यह राजनीतिक नैरेटिव बनाया गया कि वे इंदिरा गांधी की पोती हैं। असल में कांग्रेस के किसी दूसरे नेता के मुकाबले इंदिरा गांधी लोगों के दिलो-दिमाग में ज्यादा बैठी हैं। महिलाएं उनको याद करती हैं तो कांग्रेस के विरोधी भी मानते हैं कि वे एक बहादुर महिला थीं, जिन्होंने 1967 और 1976 में चीन को मात दी और 1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े कराए। भाजपा के नेता भी नेहरू और राजीव गांधी के हर काम भी आलोचना करते हैं पर इंदिरा गांधी की आलोचना सिर्फ इमरजेंसी के लिए होती है। इसके अलावा कभी भी भाजपा को कोई नेता उन पर हमला नहीं करता है। आखिर आजादी के 73 साल के इतिहास में वे इकलौती महिला हैं, जिन्होंने इस उप महाद्वीप का भूगोल बदला था। इतिहास तो अच्छा या बुरा सबका बन जाता है पर बड़ा नेता वह होता है, जो भूगोल बदलता