तनाव भुलाकर भारत की आजादी के जश्न में डूब शामिल हुआ चीन-नेपाल भी , दुनियाभर ने दी बधाई

Report manpreet singh 

Raipur chhattisgarh VISHESH : नई दिल्ली, सीमा विवाद को लेकर तनाव के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है. सूत्रों ने बताया कि दोनों देश के नेताओं के बीच करीब 10 मिनट बातचीत हुई. यह पहली दफा है जब भारत-नेपाल के बीच तनाव उभरकर सामने आने के बाद दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच बातचीत हुई है.

केपी ओली ने फोन पर शुभकामना देने के साथ-साथ अन्य विषय पर भी बातचीत की. सूत्रों के मुताबिक, ओली की मांग है कि इस संवाद को किसी के हार जीत और किसी के झुकने के रूप में नहीं लिया जाए. संबंधों में सुधार हो रहा है. दोनों तरफ से प्रयास हो रहा है.

वहीं स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत में बांग्लादेश के राजदूत ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में मदद के लिए भारत का आभार व्यक्त किया और कहा कि दोनों देशों की सेना एक साथ खून बहाती हैं. मुक्ति संग्राम को याद करते हुए बांग्लादेश के राजदूत ने कहा, ‘इतिहास के इस हिस्से को भूलाया नहीं जा सकता है.’

वहीं चीन ने भी स्वतंत्रता दिवस पर भारत को बधाई दी है. भारत में चीन के राजदूत सन वेईडोंग ने शनिवार को कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर भारत सरकार और भारतीय लोगों को बधाई. उम्मीद करते हैं कि दोनों महान देश शांति और निकट साझेदारी के साथ आगे बढ़ेंगे. सन वेईडोंग ने कहा कि उम्मीद करते हैं प्राचीन सभ्यता वाले दो महान देश शांति और निकट साझेदारी के साथ आगे बढ़ेंगे और प्रगति करेंग.

जारी सीमा विवाद के बीच भारत और नेपाल में विदेश मंत्रालय स्तर की 17 अगस्त को बातचीत होने वाली है. दोनों देशों के विदेश मंत्रालय के अधिकारी सोमवार को नेपाल की राजधानी काठमांडू में एक मीटिंग में मिलेंगे. इस बैठक में नेपाल की तरफ से विदेश सचिव शंकर दास बैरागी हिस्सा लेंगे वहीं भारत की ओर से नेपाल में भारत के राजदूत विनय क्वाटरा होंगे. इसमें सीमा के मसले पर भी चर्चा किए जाने की संभावना जताई जा रही है.

बता दें कि भारत-नेपाल के बीच सीमा को लेकर पिछले कुछ महीनों से विवाद चल रहा है. इन विवादों के बीच बिहार में सीमा पर नेपाली सुरक्षाकर्मियों की ओर से गोलीबारी की घटनाएं भी देखने को मिलीं. इधर, बताया जा रहा है कि नेपाल अब भारत से आने वाले लोगों से पहचान पत्र मांगेगा. नेपाल ने इसकी वजह कोरोना वायरस को बताई गई है.

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