मध्य प्रदेश की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार का रवैया असंवेदनशील, वनकर्मियों की फायरिंग में आदिवासी की मौत के बाद निशाने पर शिवराज सरकार
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : मध्य प्रदेश में विदिशा जिले के लटेरी में वनकर्मियों की फायरिंग में एक आदिवासी की मौत के बाद अब मामला गरमाने लगा है. कांग्रेस के पूर्व मंत्री और विधायक ओमकार सिंह मरकाम विदिशा पहुंचे और मेडिकल कॉलेज पहुंचकर घायलों का हाल जाना. इस बीच, सरकार ने मामले में न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं. जहां वन विभाग इन आदिवासियों को लकड़ी तस्कर बताते हुए आत्मरक्षा में गोली चलाने की बात कह रहा है, वहीं घायलों का कहना है कि लकड़ी काटकर ले जाते समय वन विभाग ने पीछे से गोली चलाई.
वनकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज कर निलंबित कर दिया गया है.लटेरी के इन आदिवासी युवकों का आरोप है कि जंगल से लकड़ी ले जाते वक्त वनविभाग के कर्मचारियों ने इन पर गोली चलाई जिससे इनके एक साथी की मौत हो गई जबकि तीन जख्मी हो गए. पीड़ित भगवान सिंह ने कहा, ” फॉरेस्ट वाले मिले और उन्होंने सीधे बंदूक चलाई.
चैन सिंह वहीं खत्म हो गया, उसे उठाने गए तो मुझे भी गोली लगी. हम वहां लकड़ी लेने गये थे.” भगवान सिंह के अनुसार, हम 8 लोग थे जबकि वे दो गाड़ी करीब 20-25 लोग थे. दूसरी ओर, भगवान सिंह के इस बयान से उलटवन विभाग का कहना है कि लकड़ी चोरी रोकने के दौरान टीम जब पर जानलेवा हमला हुआ, आत्मरक्षा में गोली चलाई गई डीएफओ राजवीर सिंह ने कहा, “वे अपनी टीम के साथ उन्हें रोकने गये जो लकड़ी चोर थे उन्होंने पथराव शुरू कर दिया. हमने आत्मरक्षा में गोली चलाई जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई 03 घायल हो गये जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया है.”