डिजिटल पेमेंट प्रोसेसिंग का बोझ बढ़ा तो प्राइवेट बैंक वसूलने लगे ग्राहकों से फीस

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Report manpreet singh 

RAIPUR chhattisgarh VISHESH : नई दिल्ली, डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ने से बैंक अपनी बढ़ी लागत का बोझ अब ग्राहकों पर डालने लगे हैं. प्राइवेट बैंक डिजिटल ट्रांजेक्शन पर फीस वसूलने लगे हैं. छोटे डिजिटल पेमेंट से लेकर बड़े पेमेंट तक में तमाम तरह की फीस वसूली जा रही है. एक्सिस, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी और कोटक महिंद्रा बैंक ने इस फीस की वसूली शुरू कर दी है. कहा जा रहा है कि इनकी देखादेखी दूसरे बैंक भी डिजिटल फंड ट्रांसफर पर फीस वसूल सकते हैं.

अब तक बैंक डिजिटल ट्रांजेक्शन की प्रोसेसिंग फ्री में करते आए थे लेकिन लॉकडाउन के दौरान इसका वॉल्यूम काफी बढ़ गया. बैंकों का कहना है कि इससे इनकी प्रोसेसिंग लागत काफी बढ़ गई. इस घाटे की भरपाई के लिए उन्हें अब प्रोसेसिंग फीस लगाने की जरूरत पड़ रही है.पिछले साल सरकार ने यूपीआई पर एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) खत्म कर दिया था. एमडीआर एक फीस है जो बैंक डिजिटल पेमेंट प्रोसेस करने के लिए मर्चेंट से लेते हैं. बैंकों का कहना है कि इससे हुए नुकसान की भरपाई कर पाना मुश्किल हो रहा है. यही वजह है कि उन्होंने डिजिटल पेमेंट की प्रोसेसिंग पर फीस लगाना शुरू किया है.

फिलहाल एचडीएफसी बैंक ने फोन बिल का पेमेंट, प्रीपेड वॉलेट रीचार्ज और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को पेमेंट जैसे छोटे ट्रांजेक्शन पर दस रुपये का सरचार्ज लगा रहा है. एक्सिस, आईसीआईसीआई और कोटक महिंद्रा बैंक ने भी यूपीआईसे पेमेंट ट्रांसफर करने की प्रोसेसिंग फीस लेना शुरू कर दिया है. इसे 20 ट्रांजेक्शन की मासिक सीमा खत्म होने के बाद लिया जाता है.बैंकों ने एक हजार रुपये से कम के पीयर-टु-पीयर ट्रांसफर पर ढाई रुपये की फीस लेना शुरू कर दिया है. बाकी के ट्रांजेक्शन के लिए पांच रुपये की फीस है.

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Manpreet singh

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