गुंडरदेही विकासखंड के 29 वर्षीय युवा किसान आशीष दिल्लीवार ने मिर्च और खीरा की खेती से आम फसलों से ज्यादा मुनाफा कमाकर किसानों की सोच बदल दी है।
Report manpreet singh
RAIPUR chhattisgarh VISHESH : जिले के गुंडरदेही विकासखंड के 29 वर्षीय युवा किसान आशीष दिल्लीवार ने मिर्च और खीरा की खेती से आम फसलों से ज्यादा मुनाफा कमाकर किसानों की सोच बदल दी है। आशीष जिले के एकमात्र ऐसे किसान हैं, जो पांच वर्षों से धान के बजाय मिर्च और खीरा की फसल ले रहे हैं। मिर्च की पांच एकड़ और खीरा की तीन एकड़ में आधुनिक तरीके से खेती कर रहे हैं। इससे अच्छी आमदनी हो रही है। उनके मिर्च व खीरा की मांग बालोद मंडी समेत दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव के अलावा महाराष्ट्र व उत्तरप्रदेश में भी है।
पांच एकड़ के मिर्च की खेती में 3 लाख खर्च करते हैं। तीन माह में साढ़े सात लाख तक का मुनाफा कमा लेते हैं। इसी तरह खीरा में डेढ़ लाख खर्च कर तीन लाख मुनाफा कमा लेते हैं। आशीष दिल्लीवार सफल किसान बन गए हैं। जिले के अन्य किसान भी उनसे प्रेरणा ले रहे हैं। यदि कृषि और उद्यानिकी विभाग सही बीज व उत्पादित फसलों को सुरक्षित रखने कोल्ड स्टोरेज की सुविधा दे तो किसान बढ़-चढ़ कर उद्यानिकी फसल लेंगे।
यहां से आती है डिमांड
आशीष ने बताया कि फसल बालोद, दुर्ग, भिलाई व राजनांदगांव की मंडी में बेच देते हैं, लेकिन दो साल से मिर्च व खीरा की महाराष्ट्र व उत्तरप्रदेश में भी मांग होने के कारण वहां के कोचियों को बेच देते हैं।
फसल चक्र की खेती से होगा मुनाफा
आशीष ने बताया कि किसान सिर्फ एक ही फसल पर निर्भर न रहे बल्कि फसल चक्र के तहत खेती करे। नगदी फसल की ओर ध्यान दे। कम मेहनत व खर्च में अच्छा मुनाफा भी मिलेगा। साग-सब्जी व बागबानी फसल में लोगों को रोजगार भी मिलता है।
प्रति एकड़ 60 हजार का खर्च
मिर्च की खेती में प्रति एकड़ की फसल में 60 हजार का खर्च आता है, जिसमें खाद, मजदूर, सिंचाई, पौधे का मूल्य भी शामिल है। तीन माह की एक एकड़ में डेढ़ लाख तक का मुनाफा होता है। इसी तरह खीरा में भी प्रति एकड़ 50 हजार का खर्च आता है। दो माह में एक लाख रुपए का मुनाफा होता है। इस साल प्रति एकड़ में 30 टन खीरा का उत्पादन हुआ।
ड्रिप सिस्टम से करते हैं सिंचाई
किसान के मुताबिक पहले खेतों की जुताई कर क्यारी बनवाते थे। अब ड्रिप सिस्टम से सिंचाई कर मिर्च के पौधे लगाते हैं। एक एकड़ में 7 हजार मिर्च के पौधे लगाते हंै। इस बार एक एकड़ में मिर्च का 25 टन उत्पादन हुआ। खीरे की फसल में एक एकड़ में 300 ग्राम बीज लेते हैं।
पिरिद निवासी आशीष दिल्लीवार ने बताया कि पहले वह धान की खेती करते थे। उसमें पानी, खाद और मेहनत ज्यादा लगती थी। इसलिए मिर्च व खीरा की फसल लेना शुरू किया। शुरुआत में मेहनत ज्यादा लगी, लेकिन कम दिनों में ज्यादा मुनाफा मिला। इसके बाद रकबा बढ़ा दिया। अब सालभर में चार बार फसल ले लेते हैं। इसमें मिर्च, खीरा के
अलावा टमाटर व अन्य साग-सब्जी शामिल है।
पहले किसान जो चावल खरीदते हैं
जिले में अधिकांश किसान चावल के लिए धान की फसल लेते हैं। बचे धान को समर्थन मूल्य पर बेचते हैं। लेकिन आशीष जिले के पहले किसान हैं, जो धान की खेती करने के बजाय चावल बाजार से खरीदते हैं।