पीएससी घोटाला कर युवाओं के भविष्य की बलि देने भूपेश बघेल किस मुंह से युवाओं की बात कर रहे है : गुरु खुशवंत
कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए 2,897 परिवारों से माफी मांगे भूपेश बघेल :भाजपा
Raipur chhattisgarh VISHESH : रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने बीएड प्रशिक्षित शिक्षकों की नौकरी को लेकर कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया है। श्री खुशवंत साहेब ने कहा कि बीएड प्रशिक्षित शिक्षकों को पहले सत्ता में रहते हुए कांग्रेस की भूपेश सरकार ने छला और अब उन्हीं बीएड प्रशिक्षित शिक्षकों को उकसाकर एक तो अपने पापों पर पर्दा डालने का कृत्य बघेल कर रहे हैं, दूसरे इस मामले में तथ्य और सत्य से परे बातें करके प्रदेश को गुमराह कर अशांति व अराजकता का माहौल बनाने की शर्मनाक कोशिश की जा रही है। भाजपा विपक्ष में थी तब भी इन शिक्षकों के साथ न्याय के लिए खड़ी थी और सत्ता में रहते हुए भी इन शिक्षकों के साथ न्याय करने के लिए प्रतिबद्ध है।
भाजपा विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने कहा कि यदि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल में जरा भी नैतिकता शेष है तो बीएड प्रशिक्षित 2897 शिक्षकों के परिवारों का भविष्य तबाह करने की अपनी करतूत के लिए वह इन परिवारों के सामने नाक रगड़कर माफी मांगें। ये शिक्षक छत्तीसगढ़ की पिछली भूपेश सरकार सरकार के कृत्यों की सजा भुगत रहे हैं। बघेल को इन शिक्षकों के भविष्य की हत्या का अपराधी बताते हुए श्री खुशवंत साहेब ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने लापरवाहीपूर्वक इन शिक्षकों के भर्ती नियमों में ध्यान नहीं दिया और सिर्फ अपने राजनीतिक स्वार्तों की पूर्ति के लिए और अपने नेता राहुल गांधी के सामने वहवाही लूटने के लिए देर से नियुक्ति पत्र जारी किया जिसके कारण ये युवा आज बेहाल हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली प्रदेश की भाजपा सरकार इस मामले में समाधानकारक उपायों पर पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है, और न्यायालयीन आदेश से बी.एड. अर्हता के आधार पर चयनित सहायक शिक्षकों की नियुक्ति आदेश निरस्त होने के उपरांत समाधानकारक संभावनाओं पर विचार-विमर्श के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय प्रशासनिक समिति का गठन भी किया जा रहा है। अप्रैल 2024 में हाई कोर्ट ने बीएड शिक्षकों के पद मुक्ति का आदेश दिया। छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने अगस्त में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जिस पर फैसला लंबित है।