भारत-चीन पर संसद में दिए गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर असदुद्दीन ओवैसी बोले – राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर हो रहा है घिनौना मज़ाक

Report manpreet singh 

Raipur chhattisgarh VISHESH : नई दिल्ली, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भारत-चीन पर संसद में दिए गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के बयान पर हमला बोला है. ओवैसी ने कहा कि संसद में रक्षा मंत्री द्वारा दिया गया बयान राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर एक ‘घिनौना मज़ाक’ है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री का बयान बेहद कमजोर और अपर्याप्त है. सोशल मीडिया पर ओवैसी ने लिखा है कि रक्षा मंत्री के बयान पर उन्हें संसद में बोलने की अनुमति नहीं थी. उन्होंने लिखा कि अगर उन्हें इजाजत मिलती तो पूछता कि रक्षा मंत्री क्यों नहीं कहते कि चीन ने हमारी 1000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर लिया है? जहां हम पहले गश्त करते थे. ओवैसी ने पूछा कि इस अवैध कब्जे के लिए जिम्मेदार कौन है?

ओवैसी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला और लिखा, “सर्वदलीय बैठक में आपने कहा था कि किसी भारतीय क्षेत्र पर कब्जा नहीं है और कोई घुसपैठ नहीं हुई है? फिर गलवान में हमने 20 बहादुर सैनिक कैसे खो दिए? उस रात क्या हुआ था? सरकार हमारे बंदी सैनिकों के बारे में सच क्यों नहीं बता रही है?”

ओवैसी ने कहा, “आपने संसद को यह क्यों नहीं बताया कि आपने चीन से मांग की है कि LAC पर अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति जैसी यथास्थिति बनाए रखी जाय ? अथवा मौजूदा स्थिति को ही यथास्थिति माना जाए?

AIMIM चीफ ने कहा, “आप मिलिट्री को कह रहे हो कि बात करे जबकि कई दौर की बातचीत विफल रही है. इस प्रक्रिया को सशस्त्र बलों पर क्यों धकेला जा रहा है? राजनीतिक निर्देश सशस्त्र बलों को क्यों दिया जा रहा है? कूटनीति में उलझना उनका काम नहीं है, ये सरकार का काम है.”

ओवैसी ने मीडिया पर भी निशाना साधा है और पूछा है कि क्यों भारतीय मीडिया चीन से जुड़े मामलों में सूचनाओं के लिए सिर्फ लीक्स पर ही निर्भर है? सरकार के प्रवक्ता क्यों नहीं इस संवेदनशील मामले पर रोजाना प्रेस ब्रीफिंग कर रहे? ओवैसी ने ये भी पूछा कि भारत ने इस द्विपक्षीय मुद्दे पर रूसी मध्यस्थता क्यों स्वीकार की? ओवैसी ने कहा कि ये देश जानना चाहता है कि चीन विवाद पर सरकार क्या कर रही है? रक्षा मंत्री ने मंगलवार को संसद में कहा था कि चीन ने LAC के पास अंदरूनी इलाकों में बड़ी संख्या में सेना और हथियार तैनात कर रखा है और भारत किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है.

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