बस्तर लोकसभा के लिए बीजेपी प्रत्याशी महेश कश्यप को कांग्रेस से लखमा दे सकते है टक्कर : लखमा ने एक बार फिर दिया सब को चकमा , चौथी सूची में छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा से सिर्फ 01 कैंडिडेट का ऐलान

Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा से कवासी लखमा कांग्रेस उम्मीदवार घोषित किये गए हैं। सियासी हलकों में प्रदेश के पहले चरण की बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस द्वारा घोषित प्रत्याशी पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के संबंध में नारा बुलंद करने लगे हैं…’लखमा ने एक बार फिर दिया सब को चकमा’। बता दें कि चौथी सूची में छत्तीसगढ़ से सिर्फ 1 कैंडिडेट का ऐलान कांग्रेस की CEC ने किया है। फ़िलहाल प्रदेश की 4 सीटों पर घोषणा बाकी है।

ठेठ आदिवासी नेता और सिर्फ लंबा सा हस्ताक्षर ज्ञान रखने वाले कवासी लखमा को कांग्रेस के आला नेताओं ने उपयुक्त केंडिडेट माना है। इस फैसले से सवाल उठने लगा है कि बस्तर लोकसभा से सिटिंग MP और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष युवा आदिवासी नेता दीपक बैज की अनदेखी करते हुए लखमा को फाइनल करने के पीछे क्या कारण हैं l

लखमा अपने बेटे की टिकिट के लिए दिल्ली में स्थानीय आदिवासी नेताओं की जमघट लेकर डेरा जमाये हुए थे। पार्टी नेता उनकी सादगी और अढियाल रव्वैये से भी वाकिफ है। चर्चा तो यह भी है कि अगर उनकी अनदेखी कर बैज को टिकिट मिलती तो वे बगावत भी कर सकते थे।

ऐसे में उनके बेटे को पैतृक सीट से विधानसभा लड़ाने और बस्तर लोकसभा से बैज और उनके बेटे की बजाये स्वयं कवासी को ही टिकिट देकर CEC नेताओं ने वजूद, बगावत और सफल कूटनीति का परिचय दिया है। वैसे भी विधानसभा चुनाव हारे पूर्व मंत्री शिव डहरिया को जांजगीर से लोकसभा टिकट दी जा सकती है तो बस्तर में लखमा तो उनकी तुलना में ज्यादा सियासी काबिलियत रखते हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि बस्तर लोकसभा के लिए बीजेपी प्रत्याशी महेश कश्यप को कांग्रेस से लखमा ही टक्कर दे सकते हैं। हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है यह तो परिणाम के बाद ही समझ आएगा, लेकिन बस्तर में नाम, चेहरा और कमोबेश पूर्व मंत्री रहने से आर्थिक स्थिति भी उनके फेवर में है। इसके उलट बीजेपी प्रत्याशी महेश कश्यप भी नाम तो रखते हैं लेकिन उनकी पार्टी और मोदी गारंटी साय का सुशासन एक बड़ा प्रभाव डालती दिक् रही है। लबोलुआब यह कि लखमा के प्रत्याशी घोषित होते ही बस्तर में लोकसभा संग्राम बराबरी का हो गया है।

सांसद बस्तर दीपक बैज की एक आखरी उम्मीद कांकेर लोकसभा सीट है। वैसे कांकेर से बैज के अलावा मोहन मरकाम, बीरेश ठाकुर भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं। पार्टी सूत्रों का दावा है कि इन तीनों नामों के बीच अचानक प्रबल दावेदारी पूर्व मंत्री अनिला भेड़िया की तय है। अगर बैज को कांकेर से भी नाउम्मीद कर दिया गया तो बड़ी बात होगी। क्योंकि सांसद और पीसीसी चीफ रहने के बाद भी उन्हें पार्टी जितने के काबिल शायद नहीं मानती यह संदेश जायेगा

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