देश में कोरोना की वैक्सीन को लेकर DGCI ने दिए आवश्यक सुरक्षा निर्देश
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : नई दिल्ली, कोरोना वायरस महामारी संकट के बीच दुनियाभर में वैक्सीन को लेकर जद्दोजहद जारी है। कई देशों के वैज्ञानिक वैक्सीन तैयार करने में जुटे हुए हैं। इस बीच, भारत में कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर नई गाइडलाइन जारी की गई है। देश की ड्रग नियामक संस्था, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कोरोना वैक्सीन को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने बड़ी फार्मा कंपनियों के लिए सुरक्षा, प्रतिरक्षा और प्रभावकारिता मापदंडों को ध्यान में रखते हुए दिशानिर्देशों का एक नया सेट जारी किया है, जो COVID-19 वैक्सीन विकसित कर रहे हैं।
कम से कम 50 प्रतिशत हो प्रभावकारिता
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने अपनी नई गाइडलाइन में कहा है कि किसी भी कोरोना वैक्सीन के पास तीसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल में कम से कम 50 प्रतिशत प्रभावकारिता होनी चाहिए, यानि उसके परीक्षण में इस वैक्सीन के 50 प्रतिशत लोगों में ठीक से काम करना चाहिए ताकि इसके लिए व्यापक रूप से तैनाती की जा सके और पर्याप्त डाटा वैक्सीन से जुड़े संवर्धित श्वसन रोग (ERD) के संभावित जोखिम को सूचित कर सके।
संभावित जोखिम को सूचित करने के लिए डाटा आवश्यक
कोरोना वैक्सीन को लेकर जारी नई गाइडलाइन में कहा गया है कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन की तत्काल आवश्यकता पर विचार करते हुए, वैक्सीन के ट्रायल कार्यक्रम से जुड़े ERD के संभावित जोखिम को सूचित करने के लिए डाटा सहित एक अनुकूली और सहज दृष्टिकोण के माध्यम से आगे बढ़ने की जरूरत होगी।
कोरोना वैक्सीन को लेकर जारी नई गाइडलाइन में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि गर्भावस्था में और प्रसव की क्षमता वाली महिलाओं में COVID-19 निवारक टीकों का उपयोग टीकाकरण कार्यक्रमों के लिए एक महत्वपूर्ण विचार है।
देश में 30 वैक्सीन पर चल रहा काम – स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ने कहा कि देश में कोरोना की 30 वैक्सीन पर काम हो रहा है। इनमें से तीन वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के विभिन्न चरणों में है, जबकि चार वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल से पहले की अवस्था में हैं। हर्षवर्धन ने राज्यसभा में कहा था कि भारत भी अन्य देशों की तरह ही वैक्सीन बनाने के लिए पूरा प्रयास कर रहा है। हमें उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत में भारत में वैक्सीन उपलब्ध होगा।