2024 : भारत के युवाओं के लिए कुछ बड़ा करने का साल
Raipur chhattisgarh VISHESH प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछला दशक युवाओं द्वारा संचालित क्रांति से कम नहीं रहा है, जहां सपनों को पूरा करने के लिए अवसर पैदा किए गए और नवाचार जीवन का एक तरीका बन गया। परिवर्तनकारी नई शिक्षा नीति (न्यू एजुकेशन पॉलिसी) के माध्यम से शिक्षा की पुनर्कल्पना से लेकर मेडिकल कॉलेजों की संख्या को लगभग दोगुना करने तक, प्रधानमंत्री मोदी ने संभावनाओं से भरे भविष्य की नींव रखी है। स्टार्ट-अप इंडिया जैसी पहलों से उद्यमशीलता की भावना को जगाने, खेलो इंडिया से खेल चैंपियनों की एक पीढ़ी को बढ़ावा देने और डिजिटल इंडिया के जरिये युवाओं को अत्याधुनिक कौशल सिखाने के साथ, सरकार ने न केवल युवा प्रतिभाओं का समर्थन किया है बल्कि उन्हें नेतृत्व करने के लिए सशक्त बनाया है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत 1.42 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इस परिवर्तनकारी दशक ने हमें 2024 में आगे बढ़ाया है, जिससे भारत के युवाओं के लिए अवसरों की एक नई लहर पैदा हुई है।
वर्ष 2024 में, मोदी सरकार ने नवाचार, कौशल विकास, उद्यमिता और तकनीकी विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दूरदर्शी नीतियों और कार्यक्रमों को शुरू करके भारत के युवाओं को सशक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।
इनमें से कुछ पहल इस प्रकार हैं:
नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुद्धार:
प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुद्धार मोदी सरकार की समृद्ध शैक्षिक विरासत को संरक्षित करने के प्रति समर्पण का प्रमाण है। कभी ज्ञान और नवाचार का वैश्विक केंद्र रहे इस विश्वविद्यालय का पुनर्निर्माण वैश्विक सहयोग, अनुसंधान और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के केंद्र के रूप में किया गया।
सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024:
सार्वजनिक परीक्षाओं में धोखाधड़ी और अनुचित व्यवहार के प्रणालीगत समस्याओं को दूर करने के लिए, सरकार ने यह ऐतिहासिक कानून पेश किया। यह अपराधियों के लिए कठोर दंड सहित कदाचार (भ्रष्टाचार) को रोकने के लिए कड़े उपाय सुनिश्चित करता है। इस अधिनियम का उद्देश्य भारत की परीक्षा प्रणाली की सत्यनिष्ठा की रक्षा करना, मेहनती छात्रों के लिए समान अवसर प्रदान करना और शिक्षा में जनता का विश्वास बहाल करना है।
विज्ञान धारा योजना:
भारत के भविष्य में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के महत्व को पहचानते हुए, विज्ञान धारा योजना का उद्देश्य युवा प्रतिभाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना और सशक्त बनाना है। इस एकीकृत योजना को लागू करने के लिए 2021-22 से 2025-26 तक 15वें वित्त आयोग की अवधि के दौरान ₹10,579.84 करोड़ का बजट प्रस्तावित है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एस एंड टी) की क्षमता को बढ़ाना है।
युवाओं के लिए प्रधानमंत्री की तरफ से पैकेज:
रोजगार सृजन और कौशल विकास पहलों को बढ़ावा देने के लिए 2 लाख करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा की गई है। 4.1 करोड़ युवाओं को लक्षित करते हुए, इस पैकेज में कौशल उन्नयन (अपस्किलिंग) कार्यक्रमों, स्टार्टअप इनक्यूबेशन सहायता और क्षेत्र केंद्रित प्रशिक्षण पहलों के लिए वित्तपोषण शामिल है। इसका उद्देश्य विनिर्माण, आईटी, हरित ऊर्जा और स्वास्थ्य सेवा जैसे उद्योगों में अवसर पैदा करना है। यह व्यापक पैकेज युवाओं को प्रतिस्पर्धी वैश्विक बाजारों में सफल होने के लिए कौशल विकसित करने के सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना:
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना यह सुनिश्चित करने की एक महत्वपूर्ण पहल है कि वित्तीय बंदिशें भारत के युवाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने से न रोक पाएं। पीएम विद्यालक्ष्मी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 से निकली एक और महत्वपूर्ण पहल है, जिसमें सिफारिश की गई थी कि सार्वजनिक और निजी दोनों ही उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न उपायों के माध्यम से मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत, कोई भी छात्र जो गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थान (क्यूएचईआई) में प्रवेश लेता है, वह पाठ्यक्रम से संबंधित ट्यूशन फीस और अन्य खर्चों की पूरी राशि को कवर करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों से कोलेटरल (गिरवी) मुक्त, गारंटर मुक्त ऋण प्राप्त करने के लिए पात्र होगा।
75,000 ज्यादा मेडिकल सीट
भारत में स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की बढ़ती मांग को देखते हुए, सरकार ने पूरे देश में 75,000 नई मेडिकल सीटें जोड़ने को मंज़ूरी दे दी है। यह विस्तार विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों में, स्नातक (एमबीबीएस) और स्नातकोत्तर चिकित्सा कार्यक्रमों को कवर करता है। सरकार का लक्ष्य, नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करके और मौजूदा संस्थानों को अपग्रेड करके चिकित्सा शिक्षा तक पहुंच में सुधार करना, डॉक्टर-रोगी अनुपात को कम करना और भारत के स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे को बढ़ाना है। यह कदम देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करते हुए महत्वाकांक्षी डॉक्टरों के लिए अधिक अवसर पैदा करेगा।
युवाओं को नशीले पदार्थों के खतरे से बचाना
नशा मुक्त भारत में योगदान करते हुए, नशीले पदार्थों से संबंधित मुद्दों में सहायता करने और उनकी सूचना देने के लिए मानस/एमएएनएएस (मादक पदार्थ निषेध सूचना केंद्र) हेल्पलाइन शुरू की गई। मानस के पास एक टोल-फ्री नंबर 1933, एक वेब पोर्टल, एक मोबाइल ऐप और उमंग ऐप होगा, ताकि देश के नागरिक गुमनाम रूप से एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) से 24×7 जुड़ सकें और नशा मुक्ति और पुनर्वास पर सलाह ले सकें, नशीले पदार्थों की तस्करी के बारे में जानकारी साझा कर सकें।
शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने स्कूलों के लिए “टीओएफईआई कार्यान्वयन मैनुअल” विकसित किया है, जिसे विश्व तंबाकू निषेध दिवस (डब्ल्यूएनटीडी) (31 मई, 2024) पर लॉन्च किया जाएगा। तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान (टीओएफईआई) अभियान का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि देश भर के शैक्षणिक संस्थान टीओएफईआई दिशा-निर्देशों का पालन करें और तंबाकू मुक्त क्षेत्र बनें।
खेलों के लिए उज्ज्वल भविष्य:
खेलो इंडिया राइजिंग टैलेंट आइडेंटिफिकेशन (कीर्ति) कार्यक्रम:
एथलेटिक्स में प्रतिभा विकास और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए खेलो इंडिया राइजिंग टैलेंट आइडेंटिफिकेशन (कीर्ति) कार्यक्रम शुरू किया गया है। कीर्ति का उद्देश्य युवाओं में खेल प्रतिभा को विकसित करना है। खेलो इंडिया ने भारत के मिशन ओलंपिक में महत्वपूर्ण योगदान दिया है; वास्तव में, पेरिस ग्रीष्मकालीन ओलंपिक 2024 में भारतीय दल (28 एथलीट) में 25% हिस्सेदारी खेलो इंडिया एथलीट की थी।
5 साल के दौरान 20 लाख युवाओं में कौशल विकास
संसद में केंद्रीय बजट 2024-25 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने घोषणा की कि 5 वर्षों की अवधि में 20 लाख युवाओं को कुशल बनाया जाएगा और 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को उन्नत किया जाएगा।
1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप अवसर प्रदान करने की योजना:
इस योजना का उद्देश्य 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है, जिससे शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई को पाटा जा सके। इस पहल से युवाओं को काम का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने, कौशल विकसित करने और विभिन्न क्षेत्रों में उनकी रोजगार क्षमता में सुधार करने में मदद मिलेगी। यह कार्यक्रम 12 महीने का वास्तविक जीवन का व्यावसायिक अनुभव प्रदान करता है, जिसमें प्रति माह ₹5,000 का इंटर्नशिप भत्ता और ₹6,000 की एकमुश्त सहायता शामिल है। भाग लेने वाली कंपनियां अपने सीएसआर से प्रशिक्षण लागत और इंटर्नशिप लागत का 10% वहन करेंगी।
मोदी 3.0 के पहले 100 दिनों में 15000 से अधिक युवाओं की नियुक्ति:
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में कई महत्वपूर्ण पहल और निर्णय लिए गए, जिनका लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा और विकसित भारत@2047 के लिए एक मजबूत नींव रखी गई। 100 दिनों की अवधि के दौरान, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों द्वारा सरकारी नौकरियों के लिए 15000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र जारी किए गए हैं।
युवाओं के लिए एक नई राजनीतिक सुबह
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए गए भाषण में गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि के 1 लाख युवाओं को शामिल करने की घोषणा को राजनीतिक भागीदारी को लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य पारंपरिक राजनीतिक परिवारों से जुड़े पूर्वाग्रहों को खत्म करना है, जिससे शासन में योग्यता और नई सोच को बढ़ावा मिले।
अनुसंधान एवं विकास में उत्कृष्टता की ओर एक छलांग
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के शासी निकाय की पहली बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें एआई से लेकर सेमीकंडक्टर, क्वांटम कंप्यूटिंग और जलवायु परिवर्तन जैसे उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को सक्रिय करने के लिए पांच वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।