गांजा आपूर्ति का मुख्य रास्ता छत्तीसगढ़ के बस्तर, महासमुंद और रायगढ़ से होकर , ओडिशा और आंध्रप्रदेश से हर साल 600 करोड़ से अधिक का गांजा देश के करीब 20 राज्यों में तस्करी कर पहुंचाया जाता : पिछले 05 सालों में छत्तीसगढ़ बना गढ गांजा तस्करी का l
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Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : छत्तीसगढ़ में गांजा तस्करों का सुरक्षित ठिकाना बन चुका है। जितना 15 साल गांजा नहीं बिका उतना पिछले 5 सालों में गांजा की बिक्री हुई है। छत्तीसगढ़ में स्टाक कर पूरे देश में गांजा की सप्लाई कर गांजा तस्कर करोड़ों रुपए के कारोबार को अंजाम देते है। जीआरपी और पुलिस के अधिकारियों की माने तो ओडिशा और आंध्रप्रदेश से हर साल 600 करोड़ से अधिक का गांजा देश के करीब 20 राज्यों में तस्करी कर पहुंचाया जाता है।
सबसे ज्यादा गांजा हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दमन-दीव,हिमाचल प्रदेश, आंधप्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर आदि राज्यों में भेजा जाता है। गांजा आपूर्ति का मुख्य रास्ता छत्तीसगढ़ के बस्तर, महासमुंद और रायगढ़ से होकर गुजरता है इन्हीं तीन जिलों के अलग-अलग रास्तों से तस्कर गांजे की खेप अलग-अलग राज्यों में लेकर जाते हैं। जानकारों की माने तो ओडिशा से छत्तीसगढ़ होते हुए देशभर में गांजा तस्करी की जा रही है। प्रदेश से कटा हुआ मलकानगिरी की पहाड़ी का हिस्सा ओडिशा में आता है। इस पहाड़ी से छत्तीसगढ़, ओडिशा व आंध्रप्रदेश की सीमा जुड़ी हुई है।
यहीं से गांजे की खरीदी कर ट्रेनों के जरिए दूसरे राज्यों,शहरों में आपूर्ति की जा रही है। पुलिस अधिकारी भी स्वीकार करते है कि ओडि़शा से हो रही गांजे की तस्करी का दस प्रतिशत हिस्सा ही पकड़ा जाता है,शेष की भनक तक नहीं लग पाती। छत्तीसगढ़ के रायपुर रेलवे स्टेशन परिसर गांजा व शराब तस्करों का अड्डा बन चुका है। दरअसल ट्रेनों के जरिए अवैध गांजा, शराब आदि की तस्करी की घटनाएं लगातार सामने आ रही है। रेलवे सुरक्षा बल लगातार कार्रवाई भी कर रहा है।
बावजूद इसके तस्करी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। स्टेशन परिसर में ही कई तस्कर गांजा, शराब की खेप ले जाने ट्रेन का इंतजार करते हत्थे चढ़े हैं। पिछले तीन महीने के भीतर ही जीआरपी और आरपीएफ ने मिलकर बीस से अधिक ऐसे मामलों में कार्रवाई कर लाखों का गांजा ज़ब्त किया l