और आख़िरकार टूट गयी सुरंग : और निकले 41 मज़दूर सुरक्षित

उत्तराखंड की उत्तरकाशी में बनाई जा रही सुरंग में फंसे सभी 41 मज़दूर सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए, सभी को चिकित्सकीय देखरेख में रखा जाएगा और बचाए गए श्रमिकों को एक-एक लाख रूपये की मदद राशि दी जाएगी

Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH ‘ उत्तराखंड की उत्तरकाशी में बनाई जा रही सुरंग में फंसे सभी 41 मज़दूर सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए हैं l फिलहाल सभी मज़दूर स्वास्थ्य केंद्र में ही मौजूद हैं और उनका इलाज जारी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार शाम सिलक्यारा सुरंग से सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने के बाद उनसे जुड़ी जानकारी मीडिया को दी है.

लेकिन पूरे 17 दिनों के बाद देश भर में अलग-अलग स्थानों पर रहने वाले मज़दूरों के परिजन भी राहत की सांस ले रहे हैं. बिहार के आरा के रहने वाले एक मज़दूर के परिवारवालों ने समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ अपनी ख़ुशी साझा की. उनके परिवार ने कहा, ”ये खुशी का दिन है. पूरा देश प्रार्थना कर रहा था और हमारी प्रार्थनाएं सुन ली गई. मैं शब्दों में नहीं बयां कर सकती.”

अलग-अलग समाचार चैनल पर आ रही तस्वीरों में मज़दूरों के घरवाले जश्न मनाते और खुशी ज़ाहिर करते नज़र आ रहे हैं.इससे पहले मजदूरों के बाहर आते ही सुरंग के बाहर भी जश्न का माहौल बनते हुए देखा गया था. टीवी कैमरों पर लोग ख़ुशी में एक दूसरे को मिठाई खिलाते दिख रहे थे. इस मौके पर कुछ लोग पटाख़े जलाते भी दिख रहे थे.

सीएम धामी ने बताया है –

  • सभी श्रमिक एक अलग वातावरण से बाहर आए हैं इसलिए हम डॉक्टरों की सलाह के अनुसार काम करेंगे.
  • उन्हें चिकित्सकीय देखरेख में रखा जाएगा, उनकी निगरानी की जाएगी लेकिन कोई भी गंभीर नहीं है.
  • सभी बचाए गए श्रमिकों को एक-एक लाख रूपये की मदद राशि दी जाएगी.
  • बौखनाग मंदिर को एक बार फिर बनाया जाएगा.
  • निर्माणाधीन सुरंग की समीक्षा की जाएगी

सके साथ ही देश के तमाम राज्यों में फैले परिजन भी प्रार्थनाएं करते नज़र आ रहे थे. और इनमें से कुछ परिजनों को मजदूरों के बाहर आने के बाद मिठाई खाते दिखाया गया है.

सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव अभियान अब से लगभग 16 दिन पहले शुरू हुआ था.

इस प्रक्रिया में लगे बचाव कर्मियों को बार – बार कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा. शुरुआत में बचाव दल ने हॉरिज़ोंटल यानी क्षैतिज खुदाई शुरू की ताकि सीधे रास्ते से सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचा जा सके. लेकिन इस प्रक्रिया में तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा. मसलन, मलबे में सरिए और मिश्रित धातू से टकराने की वजह से ऑगर मशीन को नुकसान पहुंचा.और आख़िरकार वह टूट गयी जिसके बाद उसे निकलाने की दिशा में लंबा प्रयास किया गया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MATS UNIVERSITY

ADMISSION OPEN


This will close in 20 seconds