एक झपकी और इलेक्ट्रिक शवदाहगृह में जिंदा जल गया कर्मचारी
यूनरल एजेंसी के कर्मचारी लगातार काम कर रहे हैं। ऐसे में इस एंजेंसी का एक कर्मचारी वहां पर शव और अपने सोए हुए साथी में अंतर नहीं कर पाया। 48 वर्षीय माइकल जॉन को लगातार काम करते हुए झपकी आई और वह स्ट्रेचर पर ही सो गया। थोड़ी देर बाद कोरोना से मरे 52 वर्षीय कोर्स का शव वहां आया।
सोए साथी को समझा शव
सहकर्मी ने स्ट्रेचर पर सोए माइकल को ही शव समझ लिया। इससे पहले कि किसी को गलती का एहसास होता इलेक्ट्रिक शवदाह ग्रह को एक्टिव कर दिया गया और 1400 से 1800 डिग्री तापमान पर जॉन का शरीर राख में बदल गया। जॉन की एक अन्य सहकर्मी जेना एंडरसन ने भी इस हादसे को प्रत्यक्ष रूप से देखा।
जलने पर सुनी थी चीख
एंडरसन ने बताया कि शवदाह ग्रह को एक्टिव करते ही 15 सेकंड के बाद उसने वहां एक चीख सुनी। मगर इससे पहले कि कुछ कर पाते 1800 डिग्री तापमान के कारण जॉन का शरीर राख में बदल चुका था। एंडरसन के अनुसार 1 दिन पहले ही वहां एक नए लड़के को काम पर रखा गया था, यह गलती उसी से हुई है।