ट्रंप ने रोका डब्ल्यूएचओ का फंड, आगे आया चीन
रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ विशेष : बीजिंग , अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादों में चल रहे विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ को चंदा देने पर बैन लगाने के बाद अब चीन ने मदद की राशि बढ़ाने का ऐलान किया है। चीन ने कहा कि वह कोरोना वायरस के वैश्विक महासंकट से निपटने के लिए डब्ल्यूएचओ को 3 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त राशि दान करेगा। इससे पहले चीन ने डब्ल्यूएचओ को 2 करोड़ डॉलर दिया था।चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, ‘चीन ने डब्ल्यूएचओ को 3 करोड़ डॉलर अतिरिक्त दान करने का फैसला किया है। यह राशि पहले दी गई 2 करोड़ डॉलर की राशि से अलग होगी। इसका मकसद कोरोना वायरस के खिलाफ वैश्विक जंग में सहायता देना और विकासशील देशों के हेल्थ सिस्टम को मजबूत करना है।’ उन्होंने कहा कि चीन का यह योगदान संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी पर चीन सरकार और हमारे लोगों के भरोसे को दर्शाता है।
इससे पहले डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस ने कुछ अमेरिकी सांसदों की ओर से उनके इस्तीफे की मांग को नजरअंदाज करते हुए बुधवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका उनकी एजेंसी के वित्त पोषण पर रोक लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करेगा। टेड्रोस ने ‘लोगों की जान बचाने’ के लिए काम करते रहने का आह्वान किया। डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका यह मानता है कि एजेंसी में निवेश वैश्विक महामारी के बीच ‘न केवल दूसरों की मदद के लिए बल्कि अमेरिका को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण है।’ इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र एजेंसी को अमेरिका की ओर से दिए जाने वाली धनराशि पर अस्थायी रोक लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने डब्ल्यूएचओ पर कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए सही से कदम नहीं उठाने और दूसरे देशों की करतूतों पर पर्दा डालने का आरोप लगाया था। अमेरिका हर साल डब्ल्यूएचओ को लाखों डॉलर की धनराशि देता है। प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन सांसदों के एक समूह ने पिछले हफ्ते सुझाव दिया था कि ट्रंप को टेड्रोस के इस्तीफा देने तक एजेंसी को धनराशि नहीं देनी चाहिए। टेड्रोस ने कहा, ‘मैं दिन और रात काम करता रहूंगा क्योंकि असल में यह सेवा का काम है और मुझ पर लोगों की जानों को बचाने की जिम्मेदारी है।’