चीन ने तैयारी शुरू की तो अमेरिका ने उसकी छाती पर तैनात की मिसाइल

रिपोर्ट मनप्रीत सिंह

रायपुर छत्तीसगढ विशेष :  कोरोना महामारी को लेकर चीन और अमेरिका में ठन गई है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति पूरी तरह से चीन के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं और उन्‍होंने ड्रैगन को सबक सीखाने के लिए एक के बाद एक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। चीन को भी बखूबी मालूम हो गया है कि दुनिया में कोरोना को लेकर उसकी छवि काफी खराब हो गई है। इसी बात को ध्‍यान में रखते हुए बीजिंग ने एक आंतरिक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि आने वाले समय में चीन और अमेरिका के रिश्‍ते काफी बिगड़ सकते हैं और उसको युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए।

बीजिंग में तैयार की गई यह रिपोर्ट पिछले महीने राष्‍ट्रपति शी चिनपिंग के सामने पेश की गई। जिस बैठक में यह रिपोर्ट पेश की गई, उसमें चिनपिंग के अलावा कई आला अधिकारी मौजूद थे। रिपोर्ट में चीन को चेताते हुए कहा गया है कि इस समय दुनिया में उसका विरोध 1989 के थियानमेन स्क्वायर के प्रदर्शन से भी कहीं ज्‍यादा हो रहा है। जिसके बाद चीन को आने वाले समय में अमेरिका की अगुवाई वाले देशों के सामने विरोध की लहर का सामना करना पड़ सकता है। रॉयटर्स ने इस रिपोर्ट का खुलासा करते हुए कहा है कि यह रिपोर्ट चीनी सुरक्षा मंत्रालय के थिंक टैंक ‘चाइनीज इंस्टिट्यूट ऑफ कंटेम्प्ररी इंटरनैशनल रिलेशंस’ (CICIR) ने तैयार की है। रिपोर्ट के सामने आने के बाद चीन में युद्ध की तैयारी की खबरों ने मीडिया में जोर पकड़ लिया, जिसके जवाब देने के लिए अमेरिका ने भी कमर कस ली है।

अब जानकारी सामने आ रही है कि चीन के आक्रामक तेवरों का जबाव देने के लिए अमेरिका भी भारत-प्रशांत क्षेत्र में क्रूज मिसाइल तैनात करने जा रहा है। अमेरिका की जवाबी युद्धक तैयारियों से घबराये चीन ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन को अपने वायदे के अनुसार एशिया प्रशांत क्षेत्र में गतिविधियां सीमित रखनी चाहिए। चीन यह भी कहा है कि इस इलाके में अमेरिकी शतरंजी चाल न चले। इसके अलावा चीन के चारों और मिलिटरी पॉवर को बढाकर तनाव की स्थिति पैदा न करे।

पेंटागन में समरनीति के सलाहकार और अमेरिकी आर्मी के वरिष्ठ कमाण्डर ने कहा है कि चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने अपनी क्रूज और बैलेस्टिक मिसाइलों के मुंह अमेरिका और सहयोगी देशों की ओर मोड़ दिये हैं। जिससे युद्ध की स्थिति में चीन अमेरिका को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। अमेरिकी कमांडर ने इसे चीन की ओर से गंभीर चुनौती भी बताया है। इसलिए चीन की चुनौती को बैलेंस करने के लिए अमेरिका को कम से कम उतनी ही क्षमता के हथियार तत्काल तैनात करने की आवश्यकता है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने इस रणनीति पर काम करते हुए न केवल क्रूज और मिसाइल तैनाती का फैसला किया है। साथ ही अमेरिका मरीन्स को नैवी के साथ तैनात कर चीन के जंगी बेड़ों पर अचानक हमला कर ध्वस्त करने की रणनीति पर आगे बढ़ रहा है। ये मरीन्स एंटी शिप मिसाइल से लैस होंगे।

अमेरिकी कमाण्डर्स के मुताबिक लैण्ड बेस्ड क्रूज मिसाइलों की तैनाती से न केवल चीन की चालों पर काबू पाया जा सकेगा बल्कि वाशिंगटन से बीजिंग को एक संदेश भी देने की कोशिश हो रही है कि यदि युद्ध हुआ तो चीन विनाशकारी लीला को देखेगा। चीन के मिलिटरी स्पोक्स पर्सन वू कियान ने कहा है कि अमेरिकी क्रूज मिसाइल की तैनाती पर चीन हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठा रहेगा।

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