रमन सिंह आज करेंगे अनोखे प्रदर्शन की अगुवाई, लॉकडाउन के बीच एकजुट हुए भाजपाई

रिपोर्ट मनप्रीत सिंह

रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : डॉ. रमनसिंह कहते हैं कि मजदूरों के और महिलाओं के गहने बिक रहे हैं। ये सरकार 5 हजार करोड़ के राजस्व के लिए शराब दुकानें खोलकर बैठी है। लॉकडाउन में भाजपा ने एक अलग तरह के धरने करने का फैसला लिया है। प्रदेश में शराबबंदी सहित अन्य मांगों को लेकर सोमवार को राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के बाद भाजपा ने फैसला किया है कि सभी सांसद, विधायक, पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपने-अपने घर के सामने मंगलवार को दोपहर तीन से पांच बजे तक धरना देंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी, राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय, राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, सांसद सुनील सोनी, विधायक बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर समेत तमाम आला नेताओं ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की। भाजपा ने पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपते हुए सरकार को जरूरी दिशा-निर्देश दिए जाने की मांग की है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कहा, कोरोना के लिए लागू की गई एडवायजरी को ध्यान में रखते हुए शराब दुकानें खोले जाने, दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों के लिए स्पष्ट कार्ययोजना नहीं होने, धान खरीदी में लेटलतीफी समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ एक दिन का धरना देंगे।

ज्ञापन सौंपने के बाद डा. रमन सिंह ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा था कि राज्यपाल को हमने जानकारी दी है। गरीबों को राज्य में लूटा जा रहा है। राजस्व बढ़ाने अधिक कीमत पर शराब बेचकर गरीब से पैसा लिया जा रहा है। सरकार कोरोना से लड़ाई शराब के पैसे से लड़ना चाहती है। शराब में टैक्स लगा दिया। पहली बार ऐसा हो रहा है कि शराब पर टैक्स कोरोना और गोठान के लिए लिया जा रहा है। अच्छे काम करना है तो पैसे भी अच्छे होने चाहिए। मजदूरों के और महिलाओं के गहने बिक रहे हैं। ये सरकार 5 हजार करोड़ के राजस्व के लिए शराब दुकानें खोलकर बैठी है। इसे तत्काल छत्तीसगढ़ में बंद किया जाना चाहिए। कांग्रेस ने अपने जनघोषणा पत्र में ये वादा किया था।

‘रोज एक चिट्ठी लिखते हैं भूपेश बघेल’

डॉ. रमन सिंह ने कहा, एक लाख 60 हजार से ज्यादा मजदूर अलग-अलग राज्यों में भटक रहे हैं। उनके लिए अभी तक सरकार की कोई कार्ययोजना नहीं बनी है। हम यहां जनता और मजदूरों की पीड़ा को प्रकट करने आए हैं। सरकार किस प्रकार निर्दयतापूर्वक पिछले 40-50 दिन से सिर्फ और सिर्फ बयानबाजी कर रही है। केंद्र सरकार से पैसे मांगने के लिए एक कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने 22 पत्र लिखे हैं। रोज एक पत्र लिखते हैं, लेकिन जो प्राथमिक जवाबदारी है, उससे भागने का काम भूपेश बघेल ने किया है।

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