उत्तराखंड के भाजपा विधायक महेश नेगी पर रेप का आरोप, पीड़िता ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख की CBI जांच की मांग

Report manpreet singh 

RAIPUR chhattisgarh VISHESH : उत्तराखंड के भाजपा विधायक महेश नेगी के खिलाफ दुष्कर्म के मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. सत्ताधारी पार्टी के MLA के खिलाफ उसी थाने में FIR दर्ज हुई है जिसमें उनकी पत्नी ने आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का केस दर्ज करवाया है.शनिवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-पंचम के आदेश पर रविवार को थाना नेहरू कॉलोनी में धारा 376 व 506 के तहत मुकदमा किया गया. पुलिस ने महेश नेगी की पत्नी रीता नेगी को भी आरोपी बनाया है.

विधायक महेश नेगी की पत्नी रीता नेगी ने 9 अगस्त को पीड़ित महिला के खिलाफ ब्लैकमेलिंग करने के आरोप में देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी.रीता नेगी ने महिला पर 5 करोड़ रुपए की मांग करने और न देने पर उनके पति विधायक महेश नेगी को दुष्कर्म के झूठे मामले में फंसाने की धमकी देने का आरोप लगाया था. उधर महिला ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर विधायक पर यौन शोषण करने का आरोप लगाया. साथ ही दावा किया कि विधायक से उसकी एक बच्ची भी है, जिसे साबित करने के लिए वो DNA टेस्ट तक कराने के लिए तैयार है. वहीं विधायक महेश नेगी ने महिला पर राजनीति षड़यंत्र के तहत उनको फंसाने का आरोप लगाया था. उन्होंने अपने खर्च पर महिला की पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की मांग की थी.

उत्तराखंड के भाजपा विधायक महेश नेगी पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली एक महिला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। महिला का आरोप है कि भाजपा विधायक ने उसके साथ रेप किया, जिसकी वजह से वह गर्भवती हुई। महिला ने भाजपा विधायक को अपनी नवजात बच्ची का पिता बताया है।पीड़ित महिला के वकील एसपी सिंह ने कहा ‘उन्होंने सीबीआई जांच की मांग के लिए गुरुवार को प्रधानमंत्री पत्र को लिखा है क्योंकि प्रशासन और पुलिस आरोपी विधायक को बचाने की कोशिश कर रही है और वे निष्पक्ष जांच नहीं कर रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि विधायक को बचाने के लिए पुलिस एक स्पष्ट प्रयास में तथ्यों को घुमा रही है और यहां तक कि मेरे मुवक्किल को आरोपी विधायक के साथ समझौता करने के लिए कहा है। इसलिए स्पष्ट और निष्पक्ष जांच की उम्मीद में पीएम को लिखा है।

हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है। देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अरुण मोहन जोशी ने कहा कि शिकायतकर्ता ने मांग की थी कि जांच अधिकारी को बदल दिया जाए क्योंकि उन्हें उस पर भरोसा नहीं था। उनका मांग को मान लिया गया और मामला एक विशेष जांच दल को सौंपा गया।इससे पहले महिला ने राज्य के गृह सचिव को पत्र लिखकर मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी, लेकिन अभी तक जवाब नहीं मिला है। पीड़ित महिला के वकील ने कहा कि हमें अभी तक राज्य सरकार से जवाब नहीं मिला है। अगर मांग पूरी नहीं होती है, तो हम इसके लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।

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