जशपुर की अमानवीय घटना सामने आयी – कोरोना वायरस के डर से परिवार का दाना पानी बंद, मौत होने के बाद रिपोर्ट आई निगेटिव

Report manpreet singh 

RAIPUR chhattisgarh VISHESH : जशपुर, कोरोना काल में बीमार व्यक्ति के साथ भेदभाव के कारण सुखलाल नामक 50 वर्षीय एक दिव्यांग की मौत हो गई। कोरोना के डर से ही बीमार दिव्यांग की किसी ने कोई सहायता नहीं की। वह तीन घंटे पिकअप पर तड़पता रहा पर जब कोरोना जांच रिपाेर्ट आई तो सब चौंक गए। भले ही सुखलाल को सर्दी-खांसी व बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ हो रही थी पर उसे कोरोना नहीं था। उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। इस मामले में सीएमएचओ ने जांच करने की बात कही है।

ग्राम घोघर निवासी 50 वर्षीय सुखलाल की तबीयत कई दिनों से खराब थी। वह दिव्यांग था और खुद अस्पताल जाने में असमर्थ था। कोरोना के डर से उसे अस्पताल ले जाने में किसी भी ग्रामीण ने कोई मदद नहीं की। यहां तक की परिवार के नजदीकी लोगों ने भी यह कहकर उसे नहीं छुआ कि यदि कोरोना हुआ तो वे भी संक्रमित हो जाएंगे।सुखलाल की तबियत बिगड़ती चली गई। उसे सर्दी-खांसी व बुखार के साथ सांस लेने में भी तकलीफ हुई। ग्रामीणों ने जब यह जाना कि सुखलाल को कई दिनों से सर्दी-खांसी है तो सबने मान लिया कि उसे काेरोना है। उसके बाद गांव वालों ने सुखलाल के परिवार को गांव के हैंडपंप से पानी तक लेने से मना कर दिया।सुखलाल को जब सांस लेने में तकलीफ होने लगी तो पत्नी सीता बाई ने सरपंच व सचिव से मदद की गुहार लगाई। जब गांव के सरपंच को यह बात पता चली तो उन्होंने सुखलाल को अस्पताल ले जाने के लिए पिकअप की व्यवस्था की। पिकअप की ट्राली में सुखलाल को लिटाकर चालक व उसकी पत्नी अस्पताल के लिए निकले।

सीताबाई ने बताया कि सुखलाल को शुरू में नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जब सुखलाल की बीमारी में बताया कि उसे सर्दी-खांसी व बुखार है तो वहां के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने पिकअप की ट्राली में चढ़कर उसकी जांच की और कोरोना के शक में सीधे सीएचसी बगीचा रैफर कर दिया। यहां से किसी भी तरह की कोई दवा नहीं दी गई।

सीताबाई के मुताबिक वह अपने दिव्यांग पति को गुरुवार की सुबह 11 बजे अपने गांव से लेकर चली थी। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जांच कराने के लिए दोपहर 2 बजे जब वे सीएचसी बगीचा पहुंचे तो यहां किसी भी मेडिकल स्टाफ ने उसके पति को नहीं देखा। मेडिकल स्टाफ द्वारा कहा गया कि अस्पताल बंद हो चुका है। शाम 5 बजे डॉक्टर आएंगे तो देखेंगे। शाम 5 बजे जब डॉक्टर पहुंचे तो शुरू में पिकअप की ट्राली में ही उसकी कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए गए। इसके बाद जब स्थानीय मीडिया ने हस्तक्षेप किया तो सुखलाल को अस्पताल में भर्ती किया गया। अस्पताल में उपचार के दौरान गुरुवार शाम 7 बजे सुखलाल की मौत हो गई।

डॉ.पी सुथार, सीएमएचओ, जशपुर, ने कहा हैकि मामले में बगीचा बीएमओ ने बताया है कि ग्रामीण को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। उसे अस्पताल में भर्ती कर उपचार किया जा रहा था। उपचार के दौरान मौत हो गई। फिर भी इस मामले में जांच कराई जाएगी। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई होगी।”

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