पर्यटन मंत्री ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ के चयनित स्थल चंदखुरी की विस्तृत परियोजना का देखा प्रस्तुतीकरण

Report manpreet singh 

Raipur chhattisgarh VISHESH : पर्यटन और धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ के पहले चरण में चयनित 9 स्थलों में से चंदखुरी के विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन के प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया। उन्होंने चंदखुरी में माता कौशल्या की मंदिर और वहां के तालाबों और घाटों की नैसर्गिक सुंदरता को ध्यान में रखकर सौंदर्यीकरण का कार्य कराए जाने, ज्योति कलश कक्ष को एक विशेष आकार देकर आकर्षक बनाने, ताकि कम स्थान में अधिक से अधिक दीप प्रज्वलित किए जा सके, मंदिर परिसर में चारों ओर औषधीय और फलदार पौधे लगाने, घाट के आसपास समतली करण और मंदिर परिसर के पुल का चौड़ीकरण के निर्देश दिए। श्री साहू ने राजिम में किए जाने वाले पर्यटन विकास के कार्यों का स्वयं स्थल निरीक्षण करने को कहा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जिन पर्यटन स्थलों में विकास कार्य किए जाने हैं उन स्थलों का निरीक्षण करने के बाद ही वहां की विशेषता, महत्ता और आवश्यकता को ध्यान में रखकर निर्माण कार्य किए जाए, ताकि धन का अपव्यय न हो और कम लागत में महत्वपूर्ण सुविधाओं का विस्तार हो सके। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकसित करने के लिए प्रदेश के 9 स्थलों का चयन करते हुए 137 करोड़ 45 लाख रूपए की लागत का एक कॉन्सेप्ट प्लान तैयार किया गया है। इन स्थलों को केन्द्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत पर्यटकों की सुविधा के लिए विश्वस्तरीय अधोसंरचनाएं विकसित करने का प्रावधान है। चयनित स्थलों में सीतामढ़ी-हरचौका जिला कोरिया, रामगढ़ जिला सरगुजा, शिवरीनारायण जिला जांजगीर-चांपा, तुरतुरिया जिला बलौदाबाजार, चंदखुरी जिला रायपुर, राजिम जिला गरियाबंद, सिहावा-सप्तऋषि आश्रम जिला धमतरी, जगदलपुर जिला बस्तर और रामाराम जिला सुकमा शामिल हैं। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के लिए राज्य शासन द्वारा गत वित्तिय वर्ष 2019-20 में 5 करोड़ और चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ रूपए का प्रावधान बजट में किया गया है। मंत्री श्री साहू ने बुधवार को अपने रायपुर निवास कार्यालय में पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के काम-काज की समीक्षा की। उन्होंने छत्तीसगढ़ के सभी धार्मिक स्थलों और उन स्थानों में लगने वाले मेले-मड़ई की सूची एकत्रित करने को कहा, ताकि विभिन्न अवसर पर होने वाले धार्मिक आयोजनों, मेले-मड़ई, महोत्सव आदि को ध्यान में रखते हुए उन स्थानों का आवश्यक मरम्मत के साथ ही वहां पर धर्मशाला, मंदिरों में प्रसाद वितरण काउंटर एवं सौंदर्यीकरण से संबंधित कार्यों के लिए अनुदान राशि स्वीकृत करने के लिए वार्षिक कार्य-योजना बनाई जा सके। बैठक में सचिव पर्यटन पी.अन्बलगन एवं छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की प्रबंध संचालक इफ्फत आरा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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