मंत्री अमरजीत भगत का ऐलान कि अगर इस बार उनकी पार्टी की सरकार नहीं बनती, तो वे अपनी मूंछ मुंडवा लेंगे : वहीं साय ने दृढ़ प्रतिज्ञा ली कि जब तक प्रदेश से कांग्रेस सरकार नहीं हटती, वे बाल नहीं कटवाएंगे

Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH : साय ने ये दृढ़ प्रतिज्ञा ली है कि जब तक प्रदेश से कांग्रेस सरकार नहीं हटती, वे बाल नहीं कटवाएंगे। साय को भरे मंच पर बुलाकर पूर्व सांसद रामविचार नेताम ने यह ऐलान किया था। इसी बयान पर निशाना साधते हुए मंत्री अमरजीत भगत ने भी ये ऐलान कर दिया है कि अगर इस बार उनकी पार्टी की सरकार नहीं बनती है, तो वे अपनी मूंछ मुंडवा लेंगे। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद नंदकुमार साय के बाल नहीं कटवाने वाले बयान पर प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि नंदकुमार बाल नहीं कटवाने का बयान देकर खुद के साथ धोखा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस विधानसभा चुनाव में अगर हमारी सरकार वापस जीतकर नहीं आती है, तो वे अपनी मूंछ मुंडवा देंगे।

भगत ने कहा कि उनकी सरकार ने छत्तीसगढ़ की जनता के लिए बहुत काम किया है, इसलिए कांग्रेस को जीत जरूर मिलेगी। बीजेपी में आदिवासियों का कोई महत्व नहीं है। लंबी-लंबी डींगे हांकने से कुछ नहीं होता। पिछले 15 साल उनकी सरकार थी, हम सभी लोगों ने देखा कि आदिवासियों का हश्र बहुत बुरा हुआ।उन्होंने कहा- बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष उस वक्त विष्णुदेव साय थे और उन्हें विश्व आदिवासी दिवस यानि 9 अगस्त को ही पद से हटा दिया गया। ये आदिवासियों का अपमान है।

भगत ने कहा कि केवल कांग्रेस पार्टी ने ही आज तक आदिवासियों को सम्मान दिया है। देश की आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी ने ही इन्हें आरक्षण दिया। शिक्षा और नौकरी में भी आदिवासी आगे बढ़ रहे हैं। अमरजीत भगत ने कहा कि क्यों छत्तीसगढ़ में आरक्षण का संवैधानिक आधार ढह गया है। विधानसभा में 32% आरक्षण के लिए बिल पारित कर राज्यपाल के पास भेजा गया, भारतीय जनता पार्टी का नेता चाहे वह आदिवासी ही क्यों ना हो, एक बार भी राज्यपाल के पास आरक्षण बिल को पारित करवाने के लिए ज्ञापन नहीं दिया। ना कोई स्टेटमेंट दिया, ना ही केंद्रीय मंत्री या प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति से इस बारे में बात की। आरक्षण को रोकने में बीजेपी मुख्य भूमिका निभा रही है। असल में छत्तीसगढ़ में पिछले कई महीनों से आरक्षण बिल राजभवन में अटका हुआ है, जिसे लेकर पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर हमलावर है।

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