अमेरिकी कारोबारी और मास्टरकार्ड के पूर्व चीफ़ अजय बंगा को वर्ल्ड बैंक के चीफ़ के पद के लिए मनोनीत किया गया
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH अमेरिका ने भारतीय मूल के अमेरिकी कारोबारी और मास्टरकार्ड के पूर्व चीफ़ अजय बंगा को वर्ल्ड बैंक के चीफ़ के पद के लिए मनोनीत किया है. राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को इस पद के लिए उनके नॉमिनेशन का ऐलान किया है. व्हाइट हाउस की तरफ से जारी एक बयान मे बाइडन ने कहा है कि अजय बंगा के पास वैश्विक कंपनियां बनाने और उन्हें चलाने का तीन दशक से अधिक का अनुभव है.
बाइडन ने ये कदम ऐसे वक्त में उठाया है, जब अमेरिका वर्ल्ड बैंक पर जलवायु परिवर्तन की दिक्कतों को सुलझाने की दिशा में कदम उठाने का दबाव डाल रहा है. अजय बंगा ने क्रेडिट कार्ड की जानीमानी कंपनी मास्टरकार्ड का एक दशक से भी अधिक वक्त तक नेतृत्व किया. अब वह अमेरिका में प्राइवेट इक्विटी कंपनी जनरल अटलांटिक के वाइस चेयरमैन के तौर पर काम कर रहे हैं.
वर्ल्ड बैंक का बोर्ड मई की शुरुआत में अजय बंगा को औपचारिक तौर पर इस पर नियुक्त करने का ऐलान कर सकता है. बुधवार को बैंक ने कहा कि उसने तीन लोगों को इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट किया है. उम्मीद है कि मई की शुरुआत में वर्ल्ड बैंक के नए चीफ़ के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा.
हालांकि ये कहा गया है कि बैंक के प्रमुख पद के लिए महिला उम्मीदवार को तवज्जो दी जा सकती है. अमेरिका वर्ल्ड बैंक का सबसे बड़ा शेयरहोल्डर है. पांरपरिक तौर वह वर्ल्ड बैंक का चीफ़ चुनता रहा है. इसलिए ये माना जा रहा है कि बंगा के वर्ल्ड बैंक के चीफ़ बनने की संभावना ज्यादा है. अमेरिकी वित्ती मंत्री जेनट येलन ने कहा है कि वो ये चाहेंगी कि वर्ल्ड बैंक सही एजेंडा चुन कर अच्छे काम के लिए और ज़ोर डाले.
उन्होंने बंगा को ऐसा शख्स करार दिया जाए जिनमें जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं को सुलझाने के लिए विशेष योग्यता है. उन्होंने इस समस्या को सुलझाने की दिशा में सरकारों, कंपनियों और गैर लाभकारी संगठनों के बीच पार्टनरशिप कायम करने के मामले में बंगा के रिकार्ड की ओर ध्यान दिलाया है.
अमेरिका की नागरिकता ले चुके अजय बंगा का जन्म भारत में हुआ था. यहीं से उन्होंने अपना करियर शुरू किया था. उनके पिता सेना में अफसर थे. मास्टरकार्ड ज्वाइन करने से पहले वो नेस्ले और सिटीग्रुप में काम कर चुके थे. 2021 में मास्टर कार्ड से रिटायरमेंट लेने के बाद उन्होंने प्राइवेट इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक ज्वाइन किया और अब वो इसके वाइस चेयरमैन हैं.
जनरल अटलांटिक में वो 3.5 अरब डॉलर के क्लाइमेट फंड के एडवाइज़री बोर्ड में भी हैं. बंगा पार्टनरशिप फ़ॉर सेंट्रल अमेरिका के लिए सह अध्यक्ष के तौर पर व्हाइट हाउस के साथ मिल कर काम कर चुके हैं. सेंट्रल अमेरिका में प्राइवेट सेक्टर के निवेश को बढ़ावा देना इस कार्यक्रम का मकसद है ताकि अमेरिका की ओर आ रही आप्रवासियों की भीड़ पर लगाम लगाई जा सके. सेंटर फ़ॉर ग्लोबल डेवलपमेंट की डिप्टी एक्ज़ीक्यूटिव प्रेसिडेंट अमांडा ग्लासमैन ने कहा कि बंगा के दशकों के अनुभव की वजह से वर्ल्ड बैंक के प्रति अमेरिकी संसद में खास कर रिपब्लिकन सदस्यों के बीच विश्वास बढ़ेगा. रिपब्लिकन सदस्य अक्सर अंतरराष्ट्रीय संगठनों की आलोचना करते रहे हैं.
लेकिन ये देखना अभी बाकी रहेगा कि वो कैसे उम्मीदवार साबित होते हैं क्योंकि सरकार और विकास कार्यों का उनका अनुभव कम है जबकि वर्ल्ड बैंक का मुख्य कार्य विकास परियोजना और उससे जुड़े कामों को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा, “हम बंगा के विज़न के सामने आने का इंतजार कर रहे हैं. हम जानना चाहते हैं कि वो वर्ल्ड बैंक को किस रूप में देखना चाहते हैं.” हालांकि इतना तय है जो भी वर्ल्ड बैंक का अगला चीफ़ होगा उसके सामने कम आय वाले देशों की वित्तीय जरूरतों को संतुलित करने की चुनौती होगी. इनमें से कई देश कर्ज़ के जाल में फंसे हुए हैं.
साथ ही नए चीफ़ के सामने बगैर अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों के जलवायु परिवर्तन, अंतरराष्ट्रीय संघर्ष और महामारी के जोखिमों से जूझने की चुनौती होगी. अजय बंगा डेविड मलपास की जगह लेंगे. उन्हें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नामित किया था. मलपास जून तक इस पद से इस्तीफ़ा दे देंगे. वो अपने निर्धारित कार्यकाल पांच साल से एक साल पहले इस्तीफ़ा देंगे. पिछले साल व्हाइट हाउस ने उन्हें उस वक्त सार्वजनिक रूप से लताड़ लगाई थी जब उन्होंने कहा था कि उन्हें पता नहीं है कि जीवाश्व ईंधन से जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा मिल रहा है. हालांकि बाद में उन्होंने इसके लिए माफी मांग ली थी.
अमेरिकी राष्ट्रपति के अजय बंगा को इस पद के लिए मनोनीत करने को लेकर कई भारतीय नेताओं ने उन्हें बधाई दी है. तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा है कि तीन दशक पहले बंगा कोलकाता में नेस्ले के ब्रांच मैनेजर हुआ करते थे. उनका सफर प्रेरणा देने वाला है.