खदान में मिले खास पत्थर ने बदल दी शख्स की किस्मत, रातों-रात करोड़पति बन गया कर्मी

रिपोर्ट मनप्रीत सिंह 

 रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : तंजानिया में एक शख्स रातों-रात करोड़पति बन गया। एक छोटे खदानकर्मी ने न केवल अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी खोज की है, बल्कि उनकी यह खोज देश की भी सबसे बड़ी खोज है। सैनीनियु लाइजर को दो बड़े कच्चे तंजानाइट पत्थर मिले हैं। इनका कुल वजन 15 किलो है। यह कीमती पत्थर पृथ्वी पर मिलने वाला एक दुर्लभ पत्थर है। इस खोज से उन्हें 34 लाख डॉलर यानी तकरीबन 25 करोड़ रुपये की रकम मिली है। देश के खनन मंत्रालय से इतनी मोटी रकम पाकर वो रातोंरात करोड़पति बन गए हैं। 

इसलिए कीमती है तंजानाइट..

तंजानाइट केवल उत्तरी तंजानिया में पाया जाता है और यह ज्वैलरी के लिए इस्तेमाल होने वाला एक मशहूर रत्न है। इसका इस्तेमाल अंगूठियों, ब्रेसलेट्स और नेकलेस में होता है। इससे अन्य तरह के आभूषण भी बनाए जाते हैं। यह धरती पर मिलने वाले दुर्लभ रत्नों में से है। एक स्थानीय जियोलॉजिस्ट का अनुमान है कि इसकी सप्लाई अगले 20 साल में पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।

हरे, लाल, बैंगनी और नीले जैसे विविध रंग इस कीमती पत्थर का मुख्य आकर्षण हैं। इसकी कीमत इसके दुर्लभ होने पर आधारित होती है। जितना रंग या स्पष्टता होगी उतनी ही इसकी कीमत ज्यादा होती है। लाइजर ने पिछले हफ्ते 9.2 किलो और 5.8 किलो वजन के इन पत्थरों को खनन करके निकाला था, लेकिन बुधवार को उन्होंने मान्यारा में हुए एक ट्रेडिंग कार्यक्रम में इन्हें बेच दिया।इसके पहले खनन करके निकाला गया सबसे बड़ा तंजानाइट पत्थर 3.3 किलो का था। लाइजर की इस खोज के लिए राष्ट्रपति जॉन मैगुफुली ने उन्हें फोन करके बधाई भी दी है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘छोटे खननकर्ताओं का यही फायदा है और इससे यह भी पता चलता है कि तंजानिया अमीर है।’ मैगुफुली खनन सेक्टर में देश के हितों की रक्षा करने और इस सेक्टर से सरकार की कमाई बढ़ाने के वादे के साथ ही 2015 में सत्ता में आए थे।

52 साल के लाइजर की चार पत्नियां हैं। लाइजर ने कहा कि जश्न मनाने के लिए वो अपने एक पशु को काटेंगे। उनकी मन्यारा के सिमांजिरो जिले में अपने समुदाय पर यह पैसा निवेश करने की योजना है। वो कहते हैं, ‘मैं एक शॉपिंग मॉल और एक स्कूल बनाना चाहता हूं। मैं यह स्कूल अपने घर के पास बनाना चाहता हूं। यहां तमाम गरीब लोग हैं जो कि अपने बच्चों को स्कूल नहीं ले जा सकते हैं।’  वो कहते हैं, ‘मैं पढ़ा-लिखा नहीं हूं, लेकिन मैं चीजों को पेशेवर तरीके से करना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि मेरे बच्चे पेशेवर तरीके से कारोबार को चलाएं।’ लाइजर जैसे कुछ छोटे खननकर्ताओं ने सरकार से लाइसेंस हासिल किए हैं, लेकिन खासतौर पर बड़ी कंपनियों की माइंस के अवैध खनन जारी है। 

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