लॉकडाउन के चलते RTE के तहत प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए सीट के बराबर भी नहीं आए अवेदन
रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : प्रदेश में आरटीई यानि राइट टू एजुकेशन के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए आवेदन की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है, लेकिन इस बार हर साल की तरह सीट से दोगुने-तिगुने फॉर्म की बजाय एक अलग ही तस्वीर नजर आ रही है। जहां पूरे प्रदेश के 20 से 22 जिलों में आरटीई की सीट की संख्या के बराबर भी आवेदन नहीं आए हैं। पूरे प्रदेश के 6 हजार 82 निजी स्कूलों की 81 हजार 452 सीटों के लिए 77 हजार 251 आवेदन प्राप्त हुए हैं। छत्तीसगढ़ के 28 जिलों में आए आवेदनों में से केवल 5 से 6 जिलों में ही सीट के बराबर या सीट से ज्यादा का ऑकड़ा पार हुआ है।
कोरोना काल के बीच शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए मार्च के महीने से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरु हुई थी, जिसके बाद लॉकडाउन के चलते तारीखें बढ़ती गई और 10 जुलाई तक चली। आज फिर से शिक्षा विभाग ने आवेदन की प्रक्रिया की तारीखें दो दिनों के लिए बढ़ा दी हैं। यानि अब पालकों को आने वाले दो दिनों तक औऱ आवेदन करने का मौका मिलेगा। लेकिन पालकों की मानें तो अभी कोरोना की स्थिति के बीच कई इलाके कंटेनमेंट जोन में है, खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में अभिभावक खुद नहीं बल्कि च्वाइस सेंटरों में जाकर फॉर्म भरते हैं। लेकिन तीन महीने चली लॉकडाउन की प्रक्रिया के दौरान च्वाइस सेंटर्स बंद रहे और अभी भी ज्यादतर जिलों में यही स्थिति बनी हुई है। इसकी वजह से पालक सुविधाओं के आभाव में आवेदन नहीं कर पाए। सीट खाली रह जाने को लेकर पालक संघ सचिव ने यही एक बड़ी वजह बताई है कि सुदूर इलाके के निजी स्कूलों की सीटें खाली रह गईं।