हांगकांग से जान बचाकर भागी वैज्ञानिक ने खोल दी चीन की पोल, कोरोना वायरस को लेकर किए चौकाने वाले खुलासे

रिपोर्ट मनप्रीत सिंह 

रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : हांगकांग, दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है, इसी बीच कोरोना को लेकर दुनिया से सच्चाई छिपाए जाने को लेकर चीन की पोल फिर से खुल गई है। हांगकांग से जान बचाकर अमेरिका पहुंचीं एक वैज्ञानिक ने खुलासा किया है कि कोरोना वायरस को लेकर चीन को काफी पहले से जानकारी थी उसने दुनिया को बहुत देरी से बताया । उन्होंने यह भी कहा है कि यह काम सरकार के सर्वोच्च स्तर पर किया गया।

यान के मुताबिक, डॉक्टरों ने कहा कि हम इसके बारे में बात नहीं कर सकते हैं, लेकिन मास्क पहनने की जरूरत है। उनके सूत्रों के मुताबिक फिर मानव से मानव संक्रमण तेजी से बढ़ने लगा। इसके बाद यान ने वहां से निकले का फैसला किया। बैग पैक किया और कैंपस में लगे कैमरों और सेंसर से बचते हुए 28 अप्रैल को अमेरिका के लिए कैथी पैसिफिक फ्लाइट में सवार हो गईं। उनके पास केवल पासपोर्ट और पर्स था, बाकी सब छोड़ना पड़ा। यदि वह पकड़ी जातीं तो जेल में डाल दी जातीं या गायब कर दी जातीं। यान ने यह भी कहा कि चीन की सरकार उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश कर रही है और सरकार के गुंडे उन्हें चुप करने के लिए साइबर अटैक कर रहे हैं। यान ने मीडिया को बताया कि हांगकांग सरकार ने गृहनगर में उनके छोटे से अपार्टमेंट को तोड़ दिया और उसके माता-पिता से पूछताछ की। वह कहती हैं कि अब भी उनकी जान को खतरा है। उन्हें यह भी डर है कि दोबारा कभी अपने घर जाकर दोस्तों और परिवार के लोगों से नहीं मिल पाएंग

हांग-कांग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में वायरोलॉजी और इम्यूनोलॉजी की विशेषज्ञ लि-मेंग यान ने फॉक्स न्यूज को शुक्रवार को दिए इंटरव्यू में कई बड़ी बातें कहीं। उन्होंने कहा कि महामारी की शुरुआत में उनकी रिसर्च को उनके सुपरवाइजर्स ने भी इग्नोर किया, जोकि इस फील्ड के दुनिया के टॉप एक्सपर्ट हैं। वह मानती हैं कि इससे लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती थी।लि-मेंग यान ने बताया कि कोविड-19 पर स्टडी करने वाली वह दुनिया के पहले कुछ वैज्ञानिकों में से एक थीं। उन्होंने कहा, ”चीन सरकार ने विदेशी और यहां तक की हांगकांग के विशेषज्ञों को रिसर्च में शामिल करने से इनकार कर दिया।” यान ने कहा कि बहुत जल्द पूरे चीन के उनके साथियों ने इस वायरस पर चर्चा की लेकिन जल्द ही उन्होंने टोन में बदलाव को नोटिस किया। डॉक्टर और शोधकर्ता जो खुले रूप से वायरस पर चर्चा कर रहे थे अचानक चुप कर दिए गए। वुहान के डॉक्टरों और शोधकर्ताओं ने चुप्पी साध ली है और दूसरों को चेतवानी दी गई कि उनसे ब्योरा ना मांगें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *