जाने किस वजह से देश के इस एयरफोर्स परिसर में बिना इजाजत के घुसने वाले को सीधा गोली मारने के आदेश

रिपोर्ट मनप्रीत सिंह 

रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : चंढीगढ़,  चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनाव के बीच नवीनतम चौथा जेनरेशन फाइटर जेट राफेल अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंचने वाला है। वहीं इसे यहां पर कड़ी सुरक्षा में रखा जाएगा, जिसके लिए वायुसेना ने कमर कस ली है। संभवत: 29 जुलाई को 4 से 6 राफेल लड़ाकू विमान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंच जाएंगे। फ्रांसीसी एयरफोर्स और इंडियन एयर फोर्स के पायलटों द्वारा इन्हें यहां लैंड करवाया जाएगा। ऐसे में अंबाला एयर फोर्स स्टेशन अब राफेल का नया घर होगा l अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में राफेल के आगमन की तैयारियां जहां एक ओर जोरों-शोरों से चल रही हैं, वहीं राफेल की सुरक्षा भी इंडियन एयर फोर्स अथॉरिटी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। इसी के मद्देनजर अंबाला एयर फोर्स स्टेशन को नो ड्रोन जोन घोषित कर दिया गया है। जिला प्रशासन द्वारा इस पूरे इलाके को ड्रोन उड़ाने के लिहाज से प्रतिबंधित किया गया है।

एयरफोर्स स्टेशन के तीन किलोमीटर के दायरे में यदि कोई भी ड्रोन उड़ता पाया गया तो एयरफोर्स अथॉरिटी न केवल उसे नष्ट करेंगी। बल्कि ड्रोन उड़ाने वाली एजेंसी अथवा व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। इसके साथ-साथ ये आदेश तो पहले से ही दिए जा चुके हैं कि एयरफोर्स परिसर में यदि किसी भी व्यक्ति ने बिना इजाजत प्रवेश करने की हिमाकत की तो उसे देखते ही गोली मार दी जाएगी।रणनीतिक और क्षमता की दृष्टि से अंबाला एयरफोर्स स्टेशन उत्तर भारत का सबसे महत्वपूर्ण एयरफोर्स स्टेशन है। इस एयरफोर्स स्टेशन में पहले से ही लड़ाकू विमान जगुआर और मिग-21 बॉयसन की स्क्वाड्रन मौजूद है। वहीं अब चौथे और नवीनतम फाइटर जेट राफेल की स्क्वाड्रन भी यहां तैयार कर दी गई है। राफेल के अंबाला आने की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में फिलहाल चिनूक और ग्लोबमास्टर हेलीकॉप्टर व विमान की गतिविधियां भी बढ़ा दी गई है। दोनों ही ट्रांसपोर्ट संबंधी गतिविधियों में एयरफोर्स के एडवांस विमान और हेलीकॉप्टर हैं। इन दिनों चिनूक और ग्लोबमास्टर के साथ-साथ एन-32 विमान भी अंबाला में एक्सरसाइज कर रहा है।

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