छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर आदिवासियों के साथ छल, कपट और अन्याय का आरोप — पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल

Report manpreet singh 

Raipur chhattisgarh VISHESH : रायपुर, भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस सरकार पर प्रदेश के भोले-भाले आदिवासियों के साथ छल, कपट एवं अन्याय करने का आरोप लगाया है। बृजमोहन ने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहकों के बीमा में भाजपा सरकार में जहां उन्हें सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख रुपए और दुर्घटना मृत्यु पर 4 लाख रुपए देने का प्रावधान था। उसमें कटौती कर वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार की श्रम विभाग की प्रस्तावित योजना अर्थात असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा योजना में मृत्यु होने पर 1 लाख व दिव्यांग होने पर 50 हजार देने का प्रावधान है। यह सीधे-सीधे गरीब आदिवासियों के आर्थिक कमर तोडऩे वाला काम है। अग्रवाल ने राज्य सरकार द्वारा तेंदूपत्ता श्रमिकों के लिए श्रम विभाग द्वारा प्रस्तावित किए जा रहे योजना को नाकाफी बताते हुए कहा कि श्रम विभाग की योजना असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा योजना सहायता योजना है जबकि पूर्व शासन में जो बीमा होता था वह बीमा-सुरक्षा योजना है। सहायता योजना शासन के परिस्थितियों पर निर्भर है जबकि बीमा योजना विधि अधिनियम अनुसार संचालित है जिसमें बीमित को संवैधानिक संरक्षण है। उन्होंने प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि नवीनीकरण के चलते बीमा नहीं होने के कारण अभी तक घटित घटनाओं पर पीडि़त संग्राहकों का क्या होगा ? सरकार जवाब क्यों नहीं देती। अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार बार-बार श्रम विभाग की असंठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा योजना को लागू करने की बात कर रही है वह योजना पूर्व में भी वन विभाग की बीमा योजना के साथ ही साथ लागू था, और प्रदेश के तेंदूपत्ता संग्राहक जिन्होंने श्रम विभाग में भी पंजीयन कराया था, उसे इस योजना का वन विभाग की योजना के साथ ही लाभ मिल रहा था। अब अधिकारी वन विभाग, आदिवासियों तथा जनता के दबाव में अपने बचाव के लिए जो यह प्रस्तावित योजना जो बता रहे है, उसमें जिन आदिवासी तेंदूपत्ता संग्रहणकर्ता की मौत होगी उसे एक लाख रुपए देने का प्रावधान रखा गया है, दिव्यांग होने पर 50 हजार रुपए देने का प्रावधान रखा गया है। पहले भाजपा सरकार में तेंदूपत्ता संग्राहकों का जो बीमा था, उसमें आदिवासी तेंदूपत्ता संग्राहक की सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख रुपए और दुर्घटना मृत्यु होने पर 4 लाख रुपए देने का प्रावधान था, श्रम विभाग के माध्यम से जो आदिवासी तेंदूपत्ता संग्रहणकर्ताओं को योजना के लिए सूची देने का निर्णय लिया गया है, उसमें एक षड्यंत्र के तहत साईकिल देने का भी प्रावधान रखा गया है। अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के अधिकारी सरकार को गुमराह कर रहे हैं। बहुत जल्द 13 लाख तेंदूपत्ता संग्रहणकर्ताओं को उनके बीमा कराने के लिए श्रम विभाग के माध्यम से प्रक्रिया प्रारंभ करने की बात कह रहे हैं, जबकि श्रम विभाग के पास पहले ही अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले असंगठित मजदूर लोगों का 12 लाख लोगों का बीमा करने की प्रक्रिया चालू है, और उसमें भी 1000 असंगठित मजदूरों की मृत्यु हो चुकी है, अभी हाल ही में श्रम विभाग की हुई एक बैठक में उन मृतक श्रमिकों का जो भुगतान शेष है, वह नहीं होने के कारण बैठक में नाराजगी व्यक्त की गई थी। 12 लाख असंगठित मजदूरों के बीमा के लिए विभिन्न कंपनियों से प्रस्ताव आमंत्रित किया गया है। जो विचाराधीन है। श्रम विभाग तो अपना ही मूल कार्य नहीं कर पा रहा है। फिर इन आदिवासी तेंदूपत्ता संग्राहकों का क्या होगा?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MATS UNIVERSITY

ADMISSION OPEN


This will close in 20 seconds