“मैंने कई ऑनलाइन ऐप्स से लोन लिया ,…पर मैं लोन नहीं भर पा रहा हूँ…इज़्ज़त के डर से ये क़दम उठा रहा हूँ.” चीन के ऐप्स के जरिए सुसाइड नोट की लाइने जो कि भारत सरकार की नीतियों को लगातार सेंध लगा रही
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : “मैंने कई ऑनलाइन ऐप्स से लोन लिया है,…पर मैं लोन नहीं भर पा रहा हूँ…इज़्ज़त के डर से ये क़दम उठा रहा हूँ.”मध्य प्रदेश पुलिस के मुताबिक़ ये चंद लाइनें उस सुसाइड नोट की हैं जिसे इंदौर के एक शख़्स ने लिखा था. जिसने कथित तौर पर अपनी पत्नी और दो बच्चों की हत्या करने के बाद आत्महत्या कर ली थी.
अगस्त महीने के आख़िरी हफ़्ते में इंदौर में एक ही घर में चार लाशें मिलने की यह सनसनीखेज़ ख़बर सामने आई थी. शुरुआती तहक़ीक़ात के बाद पुलिस का कहना था कि अमित कर्ज़ की किस्तें नहीं चुका पा रहा था और ये घटना उसका ही नतीजा है.ऐसे ऐप्स से लोन लेने और फिर इसके भंवर जाल में फँसने के सैकड़ों मामले पिछले कुछ सालों में देशभर में सामने आए हैं.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी एनसीआरबी के मुताबिक़, साल 2020 में साइबर अपराध के कुल मामलों में से 60.2 फ़ीसदी मामले फ़र्जीवाड़े के थे. यानी कुल 50,035 में से 30,142 मामले फ़्रॉड के थे.
इंस्टेंट लोन ऐप्स यानी बग़ैर ज़्यादा लिखत-पढ़त के चंद घंटों में ही फ़टाफ़ट लोन देने वाले ऐप्स ने पिछले दो-तीन साल में अपना जाल ख़ूब फैला लिया है और कोरोना महामारी और उसके बाद बने तंगी के हालातों में उनके लिए अपना ‘शिकार’ ढूँढना बेहद आसान हो गया है.
हालात ये हैं कि प्लेस्टोर्स में हज़ारों की संख्या में अवैध लोन ऐप्स मौजूद हैं. रिज़र्व बैंक की साल 2021 की रिपोर्ट को ही लें तो पता चलता है कि केंद्रीय बैंक के जनवरी-फ़रवरी के जुटाए आँकड़ों के मुताबिक़, 81 ऐप स्टोर्स में लगभग 1100 लोन ऐप्स मौजूद थे, जिनमें से क़रीब 600 ऐप्स अवैध थे.
प्रवर्तन निदेशालय और एसएफ़आईओ की जाँच में ऐसे कई ऐप्स का चीन से कनेक्शन भी सामने आया है.चीनी ऐप्स से कर्ज़ लेने वाले कुछ लोगों के आत्महत्या करने के मामले सामने आने के बाद रिज़र्व बैंक ऐसे वैध ऐप्स की ‘व्हाइट लिस्ट’ तैयार करने में जुटा है.
इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया कि केंद्र सरकार ने ‘किसी एक ख़ास देश’ से दिए जाने वाले डिजिटल लोन, नागरिकों को प्रताड़ित करने और उगाही करने के मामलों को बेहद गंभीरता से लिया है. उन्होंने ये भी कहा कि वित्त, कंपनी मामले, इलेक्ट्रॉनिक्स-सूचना तकनीकी और गृह मंत्रालय एक साथ मिलकर ऐसे ऐप्स पर कार्रवाई करने की दिशा में काम कर रहे हैं.
निर्मला ने कहा, “मैं बताना चाहती हूँ कि पिछले कुछ महीनों में देशभर में ख़ासकर तेलंगाना में कई लोगों ने प्रताड़ना झेली है, और उन मामलों में कार्रवाई की गई है. ऐसा नहीं है कि दूसरी जगहों पर ऐक्शन नहीं हुआ है. हम उन भारतीय नागरिकों के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई कर रहे हैं जिन्होंने उन फ़र्ज़ी कंपनियों को बनाने में मदद की जो लोन दे रही हैं.”