प्रकाश पर्व पर छत्तीसगढ़ विशेष का विशेष लेख —- गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश पर्व, आज के दिन दरबार साहिब में गुरु अर्जन देव जी ने किया था प्रकाश
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : अमृतसर, सिखों के पांचवें गुरु अर्जन देव जी ने 1604 में आज ही के दिन दरबार साहिब में पहली बार गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया था। 1430 अंग (पन्ने) वाले इस ग्रंथ के पहले प्रकाश पर संगत ने कीर्तन दीवान सजाए और बाबा बुड्ढा जी ने बाणी पढ़ने की शुरुआत की।
पहली पातशाही से छठी पातशाही तक अपना जीवन सिख धर्म की सेवा को समर्पित करने वाले बाबा बुड्ढा जी इस ग्रंथ के पहले ग्रंथी बने। आगे चलकर इसी के संबंध में दशम गुरु गोबिंद सिंह जी ने हुक्म जारी किया “सब सिखन को हुकम है गुरु मान्यो ग्रंथ।’
गुरु अर्जन देव जी बोलते गए, भाई गुरदास जी लिखते गए
1603 में 5वें गुरु अर्जन देव जी ने भाई गुरदास जी से गुरु ग्रंथ साहिब को लिखवाना शुरू करवाया, जो 1604 में संपन्न हुआ। नाम दिया ‘आदि ग्रंथ’। 1705 में गुरु गोबिंद सिंह जी ने दमदमा साहिब में गुरु तेग बहादुर के 116 शबद जोड़कर इन्हें पूर्ण किया। 1708 में दशम गुरु गोबिंद सिंह जी ने हजूर साहिब में फरमान जारी किया था, “सब सिखन को हुकम है गुरु मान्यो ग्रंथ।’
समूची मानवता को एक लड़ी में पिरोने का संदेश है गुरु ग्रंथ साहिब
सिखाें में जीवंत गुरु के रूप में मान्य श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी केवल सिख कौम ही नहीं बल्कि समूची मानवता के लिए आदर्श व पथ प्रदर्शक हैं। दुनिया में यह इकलौते ऐसे पावन ग्रंथ हैं जाे तमाम तरह के भेदभाव से ऊपर उठकर आपसी सद्भाव, भाईचारे, मानवता व समरसता का संदेश देते हैं।
आज के माहौल में अगर इनकी बाणियों में छिपे संदेश, उद्देश्य व आदेश काे माना जाए ताे समूची धरती स्वर्ग बन जाए। श्री गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज बाणी की विशेषता है कि इसमें समूची मानवता को एक लड़ी में पिरोने का संदेश दिया गया है। 6 गुरु साहिबानों के साथ समय-समय पर हुए भगतों, भट्टाें और महापुरुषों की बाणी दर्ज है। गुरबाणी के इस अनमाेल खजाने का संपादन गुरु अर्जन देव ने करवाया। गुरुद्वारा रामसर साहिब जी वाली जगह गुरु साहिब ने 1603 में भाई गुरदास से बाणी लिखवाने का काम शुरू किया था।
गुरु साहिब जी ने इसमें बिना कोई भेदभाव किए तमाम विद्धानाेें और भगताें की बाणी शामिल की। 1604 में गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश दरबार साहिब में किया गया। आज के इस पावन दिन एवं शुभ अवसर पर छत्तीसगढ़ विशेष के सम्पादक मनप्रीत सिंह शुभकामनाये देता है प्रदेश वासियों एवं देश वासियों को
आज यानी बुधवार काे गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश पर्व है। बताया जा रहा है कि काेलकता, बेंग्लुरू, पुणे और केरल से 45 तरह के 30 टन फूलों से दरबार साहिब को सजाया गया। यूपी और कोलकाता से आए 80 से ज्यादा कारीगर बुलाए गए हैं। इस साल दर्शनी ड्योढी से सचखंड साहिब तक के रास्ते के दोनों ओर फूलों से खंडा साहिब बनाए गए हैं, जो इस रास्ते को अलग ही लुक दे रहे हैं। गुरुद्वारा रामसर साहिब से हरमंदिर साहिब तक नगर कीर्तन सजाया जाएगा। काेराेना के चलते संगत का इकट्ठ संभव नहीं है। इसलिए समागम का सीधा प्रसारण टीवी पर होगा ताकि श्रद्धालु घर बैठकर भी गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रकाश पर्व के समागम में मानसिक ताैर पर हाजिरी लगा सकें।