उच्च न्यायलय ने कहा रेप का आरोप संदेहास्पद — इसलिए एट्रोसिटी नही पुर्व कलेक्टर पाठक को मिली अग्रिम जमानत

Report manpreet singh 

Raipur chhattisgarh VISHESH : जांजगीर/चाम्पा के तत्कालिन कलेक्टर और IAS अधिकारी जनक प्रसाद पाठक पर उनके स्थानान्तरण के बाद 3 जुन को एक महिला ने आरोप लगाया था कि कलेक्टर उसे जबरजस्ती whatsap पर अश्लिल मेसेज भेजते थे तथा 15 मई को कलेक्टर चेम्बर में कलेक्टर पाठक ने उसके साथ बलात्कार किया था जांजगीर पुलिस ने माहिला के शिकायत पर पुर्व कलेक्टर पाठक के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया राज्य की भुपेश सरकार ने भी पाठक को निलंबित कर दिया था l

इस हाई प्रोफाइल मामले ने प्रदेश की प्राशासनिक और सियासी गलियारों सनसनी मचा दी थी IAS लावी भी हैरान थे पुर्व कलेक्टर पाठक की ओर से किसी भी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नही आ रही थी लोग मामले की सच्चाई जानना चाह रहे इसलिए इस पुरे मामले में सबकी नजर पुर्व कलेक्टर पाठक के द्वारा हाईकोर्ट बिलासपुर में लगाये अग्रिम जमानत की सुनवाई और फैसले पर थी 14 अगस्त की सुनवाई में माननीय उच्च न्यायालय ने पुर्व कलेक्टर पाठक के अग्रीम जमानत की आवेदन को मंजुर कर उन्हें बड़ी राहत दी है । दोनों पक्षो को सुनने के बाद माननीय उच्च न्यायालय ने कहा कि पाठक के खिलाफ दर्ज FIR की कहानी विश्वनीय नही है पीड़िता द्वारा कथित घटना की जानकारी अपने पति को नही देना या इसकी शिकायत नही करना संदेहास्पद है तथा देर से FIR दर्ज करना भी विधि संगत नही है कथित घटना संदेहास्पद है इसलिए एट्रोसिटी का मामला भी नही बनता है ।

उच्च न्यायालय द्वारा पुर्व कलेक्टर पाठक को अग्रिम जमानत की अनुमति के बाद जांजगीर चाम्पा पुलिस की भी किरकिरी हो रही है कि वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ FIR दर्ज करने से पहले पुलिस ने मामले को विवेचना में क्यों नही लिया है लोग इस पुरे मामले पर बड़ी राजनितक षड़यंत्र की आशंका जता रहे

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