टीके, क्लिनिकल परीक्षण, विनिर्माण परियोजनाओं, साझेदारी आदि पर 3000-4000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा भारत बायोटेक
-बिजनेस का सालाना टर्नओवर 20-25 करोड़ रुपये
-1200 करोड़ रुपये के निवेश से नया प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना
नई दिल्ली, कोरोना महामारी के दौरान भारत बायोटेक ने अपनी दवा सुविधा में 600-700 करोड़ रुपये का निवेश किया था। कंपनी ने कोवैक्सिन और अन्य वैक्सीन बनाकर देश को कोरोना से लडऩे में काफी मदद की थी। वैक्सीन दूसरे देशों को भी बेची गई। भारत बायोटेक इस वैक्सीन की बिक्री से मिले पैसे को दोबारा निवेश करेगी। भारत बायोटेक टीके, क्लिनिकल परीक्षण, विनिर्माण परियोजनाओं, साझेदारी आदि पर 3000-4000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।
भारत बायोटेक ने अफ्रीका और लैटिन अमेरिकी देशों में कोरोना वैक्सीन की सप्लाई की थी। अब यह सुविधा कंपनी के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। इस बीच भारत बायोटेक के लिए कोरोना काल में विस्तारित सुविधाओं के इस्तेमाल पर गंभीरता से विचार करना जरूरी है।
भारत बायोटेक ने नए टीके लाने के लिए अनुसंधान और विकास में भारी निवेश करने की योजना बनाई है। कंपनी इस योजना पर टीबी वैक्सीन के साथ विचार कर सकती है, जो क्लिनिकल परीक्षण के तीसरे चरण में है। भारत बायोटेक कंपनी अपनी सुविधा का उपयोग हैजा के नए टीके के लिए भी कर सकती है जो लाइसेंसिंग चरण में है।
भारत बायोटेक ने 1200 करोड़ रुपये के निवेश से भुवनेश्वर में एक नया प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना बनाई है। इससे न केवल कंपनी की विनिर्माण क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि अन्य दवा कंपनियों के लिए अनुबंध विनिर्माण क्षमता बढ़ाने में भी मदद मिलने की उम्मीद है। भारत बायोटेक ने अपना चिकित्सीय कारोबार बेच दिया है। इस बिजनेस का सालाना टर्नओवर 20-25 करोड़ रुपये है।