एएआर की बेंगलुरु पीठ ने कहा हॉस्टल आवासीय इकाइयों की तरह नहीं और इसलिए उन्हें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में छूट नहीं होगी : अब हॉस्टल या पीजी में रहने वाले छात्रों को देना होगा 12 फीसदी जीएसटी
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH जीएसटी क़ानून के अंतर्गत बनाई गई नियामक एजेंसी ‘अथॉरिटी फ़ॉर एडवांस रूलिंग’ (एएआर) ने दो अलग-अलग मामलों में कहा कि छात्रों को हॉस्टल आवास के लिए अधिक भुगतान करना होगा क्योंकि भुगतान किए गए किराए पर 12 प्रतिशत जीएसटी लागू होगा. एएआर की बेंगलुरु पीठ ने कहा कि हॉस्टल आवासीय इकाइयों की तरह नहीं हैं और इसलिए उन्हें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में छूट नहीं है.
श्रीसाई लक्ज़री स्टे एलएलपी की याचिका पर एक फै़सले में एएआर ने कहा है कि 17 जुलाई, 2022 तक होटल, क्लब, कैंपसाइट में 1000 रुपये तक की आवास सेवाओं में छूट थी. अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग एक क़ानूनी निकाय है जो किसी आवेदक की अपील पर फै़सला दे सकती है जो टैक्स देता हो या देने की श्रेणी में आता हो.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बेंगलुरु पीठ ने कहा, पीजी/हॉस्टल में रहने वाले के द्वारा की गई भुगतान जीएसटी छूट के योग्य नहीं है…क्योंकि आवेदक के द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं स्थायी तौर पर दी जाने वाली आवास सुविधाओं से अलग है. स्थायी आवास यानी ऐसा निवास जो स्थायी तौर पर रहने के लिए होता है, भले ही ये किराए पर हो और इसमें गेस्ट हाउस, लॉज या ऐसी दूसरी कोई जगह शामिल नहीं होती हैं.
नोएडा स्थित वीएस इंस्टीट्यूट एंड हॉस्टल प्राइवेट लिमिटेड के ऐसे ही एक मामले में एएआर की लखनऊ पीठ ने कहा कि 18 जुलाई, 2022 से प्रति दिन एक हज़ार रुपये से कम फ़ीस वाले छात्रावास पर भी जीएसटी लागू होगा. एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि होस्टल और डॉरमेट्री पर 12 प्रतिशत टैक्स लगने से भारतीय परिवारों के खर्चों पर असर पड़ेगा.
रजत मोहन ने कहा, जीएसटी काउंसिल छात्रों के आवास के साथ-साथ पूरी एजेुकेशन इकोसिस्टम टैक्स की लागत को बेअसर करने के लिए नीतिगत निर्णय लेने पर विचार कर सकती है.