भारत विरोधी खालिस्तानी आतंकियों और बब्बर खालसा के आतंकियों के खिलाफ अक्सर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाने वाली संस्था इंडियन वर्ल्ड फोरम के प्रेसिडेंट पुनीत सिंह चंडोक आतंकियों के निशाने पर

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Raipur chhattisgarh VISHESH भारत विरोधी खालिस्तानी आतंकियों और बब्बर खालसा के आतंकियों के खिलाफ अक्सर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाने वाली संस्था इंडियन वर्ल्ड फोरम के प्रेसिडेंट पुनीत सिंह चंडोक आतंकियों के निशाने पर हैं.

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल मामले की तफ्तीश में जुट गई है.भारत विरोधी खालिस्तानी आतंकियों और बब्बर खालसा संस्था के आतंकियों के खिलाफ अक्सर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाने वाली संस्था इंडियन वर्ल्ड फोरम के प्रेसिडेंट पुनीत सिंह चंडोक पिछले कुछ समय से लगातार आतंकियों के निशाने पर हैं. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस की दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल मामले की तफ्तीश में जुट गई है.इस मसले पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए के सूत्रों के मुताबिक इस मामले को काफी गंभीरता से देखा जा रहा है.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ सूत्र अधिकारी के मुताबिक हमें इस शख्स द्वारा दिया गया आवेदन सहित और हमारी टीम को कुछ महत्वपूर्ण इनपुट्स मिली है, लेकिन किसी शख्स की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर उसे किसी अन्य से फिलहाल साझा नहीं किया जा सकता है. 30 मई को भी पुनीत सिंह चंडोक के द्वारा करीब आठ पन्नों का आवेदन पत्र पुलिस मुख्यालय में प्रदान किया गया है, जिसमें उन्होंने कई विदेशी नंबरों से मिल रही धमकियों के बारे में जिक्र किया है. बताया गया है कि वो लगातार भारत देश के समर्थन में और पाकिस्तान सहित खालिस्तानी आतंकियों, बब्बर खालसा इंटरनेशनल संस्था के खिलाफ आवाजा उठाते रहते हैं, लिहाजा इसी वजह से वो अब कई आतंकी संगठनों के रडार पर आ गए हैं.दरअसल पिछले कुछ समय के दौरान कई बार सेंट्रल दिल्ली स्थित करोलबाग थाना अंतर्गत चंडोक के आवास के आसपास जेल में कैद एक आतंकी के भाई को संदिग्ध हालत में बैठे हुए देखा गया है.

उसके बाद उस मसले पर करोलबाग थाना की पुलिस को सूचना देने पर उस संदिग्ध शख्स को वहां से पुलिसकर्मियों द्वारा हटाया भी गया है, लिहाजा इस मामले की जानकारी जांच एजेंसियों और खुफिया एजेंसियों के साथ भी हाल में साझा किया गया है.बताया गया है कि अफगानिस्तान से भारतीय एजेंसियों के साथ मिलकर 255 से ज्यादा अफगान हिन्दू-सिखों को भारत लाने का काम इंडियन वर्ल्ड फोरम के प्रसिडेंट ने किया था. अफगानिस्तान में पिछले साल 15 अगस्त 2021 को तालिबान का कब्जा हो गया था. उसके बाद अफगानिस्तान में भारत मूल के रहने वाले अफगान -हिन्दू- सिखों की मुश्किलें काफी बढ़ गई थी.

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