लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने किया ‘जोड़ा जैतखाम‘ का लोकार्पण
# परम पूज्य बाबा गुरू घासीदास के संदेश सदैव रहेंगे प्रासंगिक
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : राज राजेश्वरी करुणा माता जी के स्मृति दिवस के अवसर पर सतनामी समाज के जगतगुरु व राज्य शासन के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने कोण्डागांव में आयोजित एक गरिमामय कार्यक्रम में ‘‘जोड़ा जैतखाम’’ का विधि-विधान से लोकार्पण किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में सतनामी समाज के लोग एवं अनुयायी उपस्थित थे। जोड़ा जैतखाम का निर्माण स्थानीय सतनामी समाज के सहयोग से किया गया है। ऐसे ही जोड़ा जैतखाम गिरौदपुरी, भण्डारपुरी, खण्डवापुरी में भी सामाजिक बंधुओं के सहयोग से स्थापित किए गए हैं।
इस अवसर पर जगत गुरू रूद्रकुमार सौगवां सतनामी समाज स्थापना एवं गुरूद्वारा धर्मसभा संसद सम्मेलन, आरती-पूजा विधि विधान में भी शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सैकड़ों वर्ष पूर्व सतनाम पंथ के प्रथम प्रणेता परम पूज्य बाबा गुरू घासीदास जी ने इस संसार में सत्य अंहिसा और शांति का संदेश दिया था, जिसका अनुसरण विश्व में किया जा रहा है। अपने धर्म संदेश के द्वारा उन्होंने सभी वर्गों, सम्प्रदायों एवं मानव समाज की एकता और भाईचारा पर विशेष जोर दिया। इस प्रकार उनके विचार युग-युगान्तर तक प्रासंगिक रहेंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सतनामी समाज के लोगों की बहुलता है। उन्होंने समाज के लोगों को एकजुट होने का आव्हान किया और कहा कि चाहे धर्म की बात हो, चाहे समाज के विकास की बात हो, एकता के साथ एक मंच पर सभी का खड़ा होना जरूरी है।
सम्मेलन में सतनाम धर्म की ऐतिहासिकता, धार्मिक स्थलों में सामुदायिक सुविधाओं के विस्तार, संत संदेशों पर व्याख्यान, समाज के नीति-नियम, रीति-रिवाज, संस्कृति व संस्कार की एकरूपता, सुरक्षा एवं चेतना हेतु सुझाव, समाज की वर्तमान दशा और दिशा पर विशेष विवेचना सम्पन्न हुई। इसके पूर्व कार्यक्रम स्थल पर जगत गुरू रूद्रकुमार का स्थानीय सतनामी समाज प्रमुख एवं वरिष्ठ सदस्य एवं महिलाओं द्वारा आत्मीय स्वागत किया गया। स्वागत के दौरान युवाओं ने बाईक रैली निकाली तथा विविध कला-विधाओं एवं पंथी नृत्य-गीत की प्रस्तुति दी। इस मौके पर प्रधान संयोजक सौगवां सतनामी समाज स्थापना लखमू राम टण्डन, गुरू प्रवक्ता डॉ एमके कौशल, प्रदेश अध्यक्ष सतनामी समाज हेमन्त सौंग, मुख्य संयोजक रामप्रसाद कोसले, अमृतलाल मौर्य, विनोद कुमार भारती, दीपक मिरी,भागी गहने सहित समाज के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।