बिलासपुर के CIMS ( छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइस) के अस्पताल प्रबंधन की एक बड़ी लापरवाही — सिम्स में लाशों की अदला-बदली, एक को कोरोना तो दूसरा संदिग्ध एक के परिजनों ने अंतिम संस्कार

 

Report manpreet singh 

Raipur chhattisgarh VISHESH : सिम्स में लाशों की अदला-बदली, एक को कोरोना तो दूसरा संदिग्ध एक के परिजनों ने अंतिम संस्कार भी कर दिया। दूसरे की फैमिली जब बॉडी लेने अस्पातल पहुंची प्रबंधन के होश फाख्ता हो गए बिलासपुर के CIMS ( छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइस) के अस्पताल प्रबंधन की एक बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। अस्पताल में दो मरीजों की मौत् हुई। एक मृतक कोरोना पॉजिटिव तो दूसरे कोरोना संदिग्ध। एक की डेडबॉडी दूसरे मृतक की फैमिली को दे दी गई, जबकि दूसरे मृतक की बॉडी पहले की फैमिली को दे दी गई। एक के परिजनों ने अंतिम संस्कार भी कर दिया। दूसरे की फैमिली जब बॉडी लेने पहुंची प्रबंधन के होश फाख्ता हो गए। 24 घटें बॉडी की तलाश में मशक्कत करने के बाद इस लापरवाही का खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार, मृतक सृष्टिचरण मजूमदार की बॉडी सिम्स प्रबंधन ने अग्रवाल परिवार को सौंप दिया। अग्रवाल परिवार ने मजूमदार का अंतिम संस्कार कर दिया। बाद में स्वास्थ्य विभाग की एक टीम मजूमदार फैमिली के पास पहुंची और उन्हें बताया गया कि जिस बॉडी की वे अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे हैं, वे सृष्टिचरण् मजूमदार की नहीं, बल्कि बालकृष्ण अग्रवाल की है। अग्रवाल परिवार को बालकृष्ण अग्रवाल की डेडबॉडी तो मिल गई, लेकिन इधर मजूमदार परिवार सृष्टिचरण मजूमदार की डेडबॉडी न मिलने से दुखी है। उन्हें अंतिम दर्शन तक न कर पाने का बड़ा द़ुख है। इस संबंध में सिम्स प्रबंधन के तमाम जिम्मेदार अधिकारियों को उनका पक्ष जानने के लिए फोन लगाया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया, बल्कि मैसेज में घटना की जानकारी और लापरवाही पर अनभिज्ञता जताई है। कह रहे हैं कि कल मीडिया से बातचीत करके अपना जवाब साझा करेंगे।

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